दुल्हन के साथ हुआ बारात आने से पहले कुछ ऐसा, सीधे पहुंच गई पुलिस; और फिर…

जांजगीर चांपा. शासन प्रशासन की कोशिशों और जागरूकता के बाद भी बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहा है. लोग अभी भी जागरूक नहीं हुए हैं. यही वजह है कि आए दिन नाबालिगों की शादी शासन प्रशासन द्वारा रोके जाने की खबर मिलती है. महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली कि पामगढ़ ब्लाक के धाराशिव गांव में एक 17 साल की किशोरी की शादी हो रही है. जिस पर महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस की टीम गांव पहुंची और समझा कर शादी रोक दी गई.
धाराशिव गांव में एक किशोरी की शादी की तैयारी चल रही थी. शनिवार को यहां पड़ोस के ही गांव सेवई से बरात आने वाली थी. इससे पहले महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को बाल विवाह होने की सूचना मिली. जिस पर विभाग के अधिकारी पुलिस के साथ गांव पहुंचे और किशोरी के स्वजन को समझाइश दी. जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेंद्र जायसवाल ने बताया कि धाराशिव गांव में नाबालिग की शादी होने की सूचना मिलने पर उनकी व पुलिस की टीम गांव पहुंची थी.
शनिवार को यहां पास के गांव सेवई से बारात आनी थी. जिस लड़की की शादी हो रही थी, उसकी उम्र संबंधी दस्तावेजों की जांच की गई तो उसकी उम्र 17 साल थी. उम्र कम होने पर अधिकारियों ने किशोरी के घरवालों को समझाइश दी और फोन पर जहां से बारात आनी थी, उन्हें भी अवगत कराया. बाद में दोनों पक्ष के लोगों ने लड़की के बालिग होने पर शादी करने की सहमति दी.

पांच दिनों में दो नाबालिगों की रोकी गई शादी…
ग्राम मेऊ में नबालिक की शादी की सूचना मिलने पर 11 अप्रैल को टीम गांव पहुंची थी. टीम ने जब किशोरी की उम्र से संबंधित दस्तावेज मांगे तो घरवालों ने देने से इंकार करते हुए मार्कशीट जलने की बात कही. घरवालों ने उसकी उम्र बाद में 15 साल बताई. तब तक भुईगांव से बारात आ चुकी थी. लड़के की उम्र 22 साल थी. रात लगभग 10 बजे शिक्षा विभाग से किशोरी की उम्र का सत्यापन हुआ तो वह 12 साल 4 माह 7 दिनों की निकली.

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