धर्मांतरण का विरोध करने वाले युवा की मौत पर पचास लाख मुआवजा के साथ सीबीआई जांच की मांग :-ओपी चौधरी

धरने पर बैठा ओपी के नेतृत्व के भाजपा का कुनबा

रायगढ़ :- पिछड़े वर्ग के इक्कीस वर्षीय युवा की संदेहास्पद मौत पर ओपी चौधरी ने आंखे तरेर ली है। सीधे तौर पर ओपी ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि धर्मांतरण का विरोध करने वाले इस युवा के खिलाफ पादरियों की शिकायत पर गंभीर धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए युवा को जेल दाखिल किया गया । जेल से रिहा होने के बाद गलत अपराध दर्ज किए जाने की वजह से युवा मानसिक तनाव में था । इस दौरान उसकी मौत हो है । इस मौत से स्थानीय निवासी आक्रोश में है l स्थानीय लोगो द्वारा सीबीआई जांच की समर्थन का मांग करते हुए भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन के सरक्षण में सरकार बड़े पैमाने में धर्मांतरण करा रही है । मृतक के शव के साथ थाने धरने में बैठने से यह मामला गंभीर हो गया। ओपी ने मीडिया को दिए बयान में कहा पुलिस हिंदुओ पर जब मामला पंजीबद्ध करती है तो उसकी जानकारी ऑन लाइन जारी की जाती है वही जब किसी मुस्लिम या ईसाई पर मामला पंजीबद्ध किया जाता है तो मामले को सेंसिटिव बताकर इसकी जानकारी नहीं दी जाती है l सरकार के दो मुहें रवैए की वजह से सामाजिक भेदभाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है l थाने में धरने के दौरान जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल , पूर्व मंत्री सत्यनानंद राठिया , महामंत्री द्वय अरुण दीवान , सतीश बेहरा , प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विवेक रंजन सिन्हा , गुरूपाल भल्ला , आलोक सिंह सहित तमाम वरिष्ठ नेता धरने पर बैठे रहे l भाजपा नेताओं का स्पष्ट मानना है कि मृतक के ऊपर झूठी धाराये लगा कर गिरफ्तार किया गया । जिससे तनाव में आकर उसकी संदेहास्पद परिस्थिति में मौत हो गई l सीधी तौर पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओ ने पुलिस पर हत्या का गंभीर आरोप लगाया है । सीबीआई की जाँच करने की मांग और थानेदार को निलंबित करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे ।

पचास लाख का मुआवजा व सीबीआई जांच की मांग :- ओपी

मामले में मीडिया को जारी बयान में प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने आक्रोशित स्थानीय लोगो द्वारा की गई सीबीआई जांच की मांग का समर्थन करते हुए पचास लाख मुआवजे की मांग रखी है। पिछड़े वर्ग के इस युवा के साथ न्याय की मांग का उन्होंने समर्थन किया। ओपी ने यह स्मरण दिलाया कि उत्तरप्रदेश में हुए हादसे में मृतक को जब मुख्यमंत्री पचास लाख मुआवजा दे सकते है। तो छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को पचास लाख मुआवजा दिया जाना चाहिए ।

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