दिनेश दुबे 9425523689
आप की आवाज
*पावर प्लांट के विरोध में 15 गांवो के ग्रामीण हुए लामबद्ध*
*विरोध में सरपंचों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जन सुनवाई स्थगित करने की अपील*
*किसानों के विरोध के बावजूद पावर प्लांट की स्थापना होने पर ग्रामीणों ने कहा कि न्यायालय की शरण में जाएंगे*
बेमेतरा=जिला मुख्यालय बेमेतरा से लगभग 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत झिरिया एवं बिटकुली के मध्य प्रस्तावित नाविक इस्पात फैक्ट्री लगाने को लेकर प्रशासन द्वारा आयोजित जनसुनवाई के विरोध में आसपास के 15 गांवो के पंचायत पदाधिकारी एवं ग्रामीण लामबंद होकर विरोध कर रहे हैं शनिवार को बिटकुली बाड़ा में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रमिल कुमार कुमार तिवारी, सरपंच अगेश्वर साहू मऊ, सरपंच भगवती प्रसाद साहू ग्राम भनसूली एवम अभय तिवारी ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता में कहा है कि कृषि प्रधान क्षेत्र में पावर प्लांट की स्थापना को लेकर आसपास के ग्रामीणों द्वारा विरोध दर्ज कराते हुए हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया है। ग्राम पंचायत के बगैर अनापत्ति प्रमाण पत्र के प्रशासन के द्वारा जनसुनवाई कैसे रखी गई है । सवाल उठाते हुए पत्रकार वार्ता में प्रमिल कुमार तिवारी ने बताया कि मुख्य रूप से आसपास के किसान कृषि पर ही आधारित जीवन यापन करते हैं पावर प्लांट के खुल जाने से खेती किसानी चौपट होकर जमीन बंजर हो जाएगी और किसानों को अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा तिवारी ने बताया कि ग्राम बिटकुली झिरिया तुमा,खमरिया,मुलमुला,पुटपूरा उसलापूर मुलमुला के आसपास के 15 गांव के ग्रामीण पूर्व से संचालित मुर्गी फार्म हाउस एवं मछली पालन केंद्र की बदबू से परेशान हैं इसके अलावा किसान बंदेलीन गायों के आतंक से परेशान और प्रभावित है तथा बंदरों के झुंड में फसलों पर हमला करने से किसानों को समस्याये हो रही है उन्होंने बताया कि उद्योग के कारण ही शिवनाथ नदी का जल प्रदूषित हो रहा है तिवारी ने बताया कि मुर्गी फार्म एवं मछली उत्पादन केंद्र में स्ट्रक्चर खड़ा करते तक स्थानीय मजदूरों और किसानों को रोजगार दिया गया इसके पश्चात आज जब उत्पादन शुरू हो गया तो आंध्रप्रदेश और बंगाल के मजदूर काम कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को हटा दिया गया पावर प्लांट के स्थापना से किसान बेरोजगार हो जाएंगे और किसानों की जमीन हड़प ली जाएगी उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नाविक इस्पात फैक्ट्री के अंदर 10 किसानों की निजी जमीन है फैक्ट्री के स्थापना हो जाने से इन किसानों का स्वयं के खेत तक आना जाना बंद हो जाएगा इसके अतिरिक्त 3 एकड़ का प्राकृतिक रूप से नाला भी है जिससे किसानों को सिंचाई संसाधन उपलब्ध हो जाता है। वह भी बंद हो जाएगा इसके अलावा प्रस्तावित प्लांट के आसपास सबसे अहम और महत्वपूर्ण आस्था के केंद्र ग्राम बुचीपुर महामाया मंदिर, कबीर पंथियों का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र दामाखेड़ा तथा जोगी दीप में पर्यटन स्थल है यहां पावर प्लांट की स्थापना से पर्यावरण प्रदूषित होगा और इन केंद्रों में भी धूल और प्रदूषण का वातावरण निर्मित होगा उन्होंने जनसुनवाई पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि जनसुनवाई सार्वजनिक स्थान पर प्रशासन के द्वारा आयोजित किया जाना था जबकि सुनवाई उद्योग स्थापना के स्थान पर रखा गया है ।यह नैसर्गिक रूप से उचित नहीं है उन्होंने जनसुनवाई के नियम पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि शासन के मापदंड के अनुसार सर्वप्रथम ग्राम पंचायतों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहिए ग्राम सभा में मामला रखा जाता ताकि गांव के सभी लोगों को इस संबंध में जानकारी रहता की कृषि प्रधान क्षेत्र में पावर प्लांट की स्थापना की अनुमति ग्रामीण आम सहमति से देते। पत्रकार वार्ता में प्रवीण तिवारी एवं सरपंचों ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन में अगर सुनवाई नहीं होगी तो न्यायालय की शरण में जाएंगे
पत्रकार वार्ता में ग्राम पंचायत मऊ सरपंच अगेश्वर साहू ने बताया कि उनके द्वारा कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है उन्होंने पावर प्लांट की स्थापना का खुला विरोध करते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है सरपंच ग्राम पंचायत भंसूली भगवती प्रसाद साहू ने कहा कि मूलमुला ग्राम में मुर्गी फार्म हाउस से ही आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीण किसान परेशान हैं पावर प्लांट नहीं खुलना चाहिए और इसका सभी लोग पुरजोर विरोध कर रहे हैं 15 ग्राम पंचायतों में सरपंच गायत्री साहू बालसमुद, सरपंच राम विशाल मिश्रा ग्राम पंचायत झरिया, सरपंच ग्राम पंचायत तुमा रजनीश साहू, सरपंच ग्राम पंचायत खमरिया विनोद मांडले, सरपंच ग्राम पंचायत पुटपुरा सुप्रिया निषाद, सरपंच ग्राम पंचायत उसलापुर प्रमोद कुमार चतुर्वेदी, सरपंच ग्राम पंचायत मूलमुला तामेश्वर साहू ने भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर पावर प्लांट स्थापना की कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए जन सुनवाई स्थगित करने की मांग की है।