पूरा होगा ‘खेलबो, जीतबो, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का सपना, 7 खेलो इंडिया सेंटर को मंजूरी

छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर भारतीय खेल प्राधिकरण ने खेलो इंडिया स्कीम के तहत 7 खेलो इंडिया केंद्र खोलने की मंजूरी दे दी है। ये 7 केंद्र अलग-अलग जिलों में एक-एक खेल के लिए खोले जाएंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आर्चरी और हॉकी के लिए दो-दो केंद्र, वॉलीबाल, मलखम्ब और फुटबाल के लिए एक-एक केंद्र की मंजूरी दी गई है।

इन खेलों के खिलाड़ियों का चयन कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कोचों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा इन केंद्रों को वित्तीय सहायता दिए जाएंगे। सीएम भूपेश ने छत्तीसगढ़ में 7 खेलो इंडिया केंद्र की मंजूरी मिलने पर कहा है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का अच्छा मौका मिलेगा। आने वाले समय में ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’  के सपने को साकार करने में एक और सार्थक कदम है।

संचालनालय से भेजा गया था प्राधिकरण को प्रस्ताव
खेल संचालनालय ने खेलो इंडिया सेंटर प्रारंभ करने का प्रस्ताव भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजा गया था, जिसमें से शिवतराई बिलासपुर में तीरंदाजी सेंटर, बीजापुर में तीरंदाजी सेंटर, राजनांदगांव में हॉकी सेंटर, जशपुर में हॉकी सेंटर, गरियाबंद में व्हालीवॉल सेंटर, नारायणपुर में मलखम्भ सेंटर और सरगुजा में फुटबॉल खेल की खेलो इंडिया सेंटर शुरू करने की स्वीकृति भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा दी गई है। इन केंद्रों के खुलने के बाद छत्तीसगढ़ में खेलों का प्रशिक्षण अब और मजबूत होगा। खेलो इंडिया सेंटर्स को शुरू करने खेल संचालनालय द्वारा मॉनिटरिंग की जाएगी।

राज्य गठन के बाद इतने सेंटर पहली भार खुलेंगे 
यह पहला अवसर है जब छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को राज्य गठन के बाद से बड़े अवसर मिलेंगे। सीएम भूपेश बघेल ने बीजापुर अकादमी का दौरा कर वहां तीरंदाजी सेंटर प्रारंभ करने का वादा खिलाड़ियों से किया गया था। शिवतराई बिलासपुर में स्थानीय बच्चों की तीरंदाजी खेल में रुचि और प्रतिभा को देखते हुए सीएम ने इसे राज्य स्तर पर खेल अकादमी का दर्जा दिलाने की बात कही थी, जो अब पूरा हो जाएगा।

राजनांदगांव व जशपुर को कहते हैं हॉकी की नर्सरी  
राजनांदगांव और जशपुर हॉकी की नर्सरी के रूप में विख्यात है। इन शहरों ने हॉकी के कई खिलाड़ी दिए हैं, अब नई पीढ़ी को बेहतर प्रशिक्षण से अवसर मिलेगा। बस्तर क्षेत्र अब तक खेलों में उपेक्षित रहा था। नारायणपुर में मलखम्भ की विशेष प्रतिभाओं के देखकर सीएम ने इन्हें अकादमी देने की घोषणा की थी। सरगुजा में फुटबॉल के खिलाड़ियों को नया अवसर भी मिलेगा। आने वाले समय में खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रौशन करेंगे।

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