छत्तीसगढ़न्यूज़

बलौदाबाजार कांड में चुनौती देता हूं ‘देवेंद्र के खिलाफ सबूत है तो बताएं भाजपा’=उमेश

*उमेश बोले: साय सरकार में पुलिस की बूट की धमक खत्म, पुसौर गैंगरेप रायगढ़ के इतिहास की सबसे बड़ी घटना*

*कांग्रेस ने सामूहिक दुष्कर्म के विरोध में काली पट्टी बांधकर निकाला मौन जुलूस*

रायगढ़, 23 अगस्त 2024: खरसिया विधायक और प्रदेश के पूर्व मंत्री उमेश पटेल की आक्रामक शैली ने रायगढ़ जिले में हलचल मचा दी है। पिछले आठ महीनों से विपक्ष की भूमिका में सक्रिय उमेश पटेल की जनसंवेदना प्रयासों ने उन्हें जिले का केंद्र बिंदु बना दिया है। वे लगातार भाजपा सरकार की गलत नीतियों और लचर कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपना रहे हैं, जिसका असर जिले की राजनीति पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। उनके इस आक्रामक रुख ने न केवल कांग्रेस पार्टी को एकजुट किया है, बल्कि भाजपा को बैकफुट पर ला खड़ा किया है। शुक्रवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उमेश पटेल ने बलौदाबाजार में हुई हिंसा, कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी और रायगढ़ में एक आदिवासी महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म जैसे गंभीर मुद्दों को उठाते हुए भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

*कांग्रेस को बदनाम करना भाजपा की साजिश*
बलौदाबाजार हिंसा के बाद भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी और कांग्रेस नेताओं को इस हिंसा कांड में घसीटने को लेकर उमेश पटेल ने साय सरकार पर तीखा हमला बोला है। पटेल ने आरोप लगाया कि देवेंद्र यादव पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, “देवेंद्र यादव ने न तो बलौदाबाजार में किसी भाषण में हिस्सा लिया और न ही कलेक्टर कार्यालय के प्रदर्शन में शामिल हुए। वे कुछ मिनटों के लिए वहां रुके थे और फिर चले गए थे।” पटेल ने भाजपा सरकार को चुनौती दी कि अगर उनके पास देवेंद्र यादव के खिलाफ ठोस सबूत हैं, तो उन्हें सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा, “अगर आप हमें सबूत दिखाने में संकोच कर रहे हैं, तो इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी पत्रकारों के सामने प्रस्तुत करें।” पटेल ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूछा कि भाजपा से जुड़े सनम जांगड़े ने रैली और प्रदर्शन की अनुमति ली थी, पर उन पर क्या कार्रवाई की गई? कितने भाजपा नेताओं को नोटिस जारी किया गया और उनसे पूछताछ की गई? रैली के लिए व्यवस्था किसने की और हिंसक भीड़ को नियंत्रित क्यों नहीं किया गया? हिंसा के दिन नागपुर से आए 250 लोग कौन थे और उनकी हिंसा में क्या भूमिका थी, इसकी जांच हुई या नहीं? पटेल ने कहा कि पुलिस एक मृतक को गिरफ्तार करने पहुंची थी, यह स्थिति और अधिक विचित्र है। कुछ असमाजिक तत्वों ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर कार्यालय को आग के हवाले कर दिया, लेकिन पुलिस इस पर तस्दीक नहीं कर रही है। उन्होंने पूछा कि पुलिस लिस्ट के अनुसार चुन-चुनकर कांग्रेस, युवा कांग्रेस या एनएसयूआई के लोगों को क्यों पकड़ रही है और यह लिस्ट किसने तैयार की है। पटेल ने कहा कि साय सरकार अपनी नाकामी और बदनामी को छुपाने के लिए कांग्रेस नेताओं पर दुर्भावनावश कार्रवाई कर रही है, जबकि बलवा करने वाले असल अपराधियों को छोड़ा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपने कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए पुलिस पर दबाव डाल रही है, जिससे कार्रवाई न्यायसंगत नहीं हो रही। पटेल ने बलौदा बाजार हिंसा की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने साय सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने और पुलिस प्रशासन को पंगु बनाकर कार्यकर्ता की तरह उपयोग करने का गंभीर आरोप लगाया है।

*पीड़िता को न्याय मिले और गवाह को संरक्षण*
रायगढ़ जिले के पुसौर क्षेत्र में आदिवासी महिला के साथ हुए गैंगरेप की उमेश पटेल ने कड़ी निंदा की और इस घटना को रायगढ़ के इतिहास की सबसे बड़ी घटना करार दिया। पटेल ने भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीड़िता के परिवार के अनुसार 12 से 14 आरोपी इस घिनौनी घटना में शामिल थे, लेकिन पुलिस अब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पटेल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पुलिस को अपनी कठपुतली बना रही है, जिससे कानून व्यवस्था चरमरा गई है और स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना फैल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस को स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके। पटेल ने इस घटना के एक गवाह को धमकाए जाने और थाने जाने पर परेशान किए जाने की बात भी उठाई, और मांग की कि पुलिस गवाह को सुरक्षा प्रदान करे। पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव में पुलिस की बूट की धमक खत्म हो चुकी है, जिससे अपराधियों में कोई डर नहीं रहा और दिनदहाड़े अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने सरकार और पुलिस प्रशासन से सवाल किया कि रायगढ़ में एक पत्रकार, कांग्रेस नेता और भाजपा पार्षद के साथ मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? क्या इसलिए कि वे भाजपा से जुड़े हैं? पटेल ने साय सरकार पर नाकामी का रिकॉर्ड बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार रायगढ़ जैसे शांत क्षेत्र में भी अपराध की घटनाओं को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। अंत में, उमेश पटेल ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी भाजपा के किसी भी दमनकारी नीति से पीछे नहीं हटेगी और जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाती रहेगी।

*पीड़िता के साथ खड़ी है कांग्रेस – विद्यावती सिदार*
प्रेस वार्ता के दौरान लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार ने पुसौर गैंगरेप की कड़ी निंदा करते हुए कहा पुसौर सामूहिक दुष्कर्म से मानवता शर्मसार हुई है। जिले की बेटियां इस घटना से डर गई हैं। हमारे रायगढ़ में ऐसी घटनाएं कभी नहीं होती थी लेकिन जबसे साय सरकार आई है तब से आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। महिलाओं से जुड़े अपराध तो सबसे अधिक हो रहे हैं। उन्होंने घटना की जांच के लिए टीम गठित की जाने की जानकारी दी। इस टीम में उनके अलावा चार अन्य महिला विधायक और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शामिल हैं। सिदार ने कहा, “भाजपा निजता की बात कर रही है, लेकिन यह उनकी अकर्मण्यता को छिपाने का प्रयास है। सच्चाई केवल पीड़िता और उसके परिजनों से मिलकर ही सामने आएगी। उन्होंने बताया कि उनका प्रतिनिधिमंडल लगातार पीड़िता के परिवार के संपर्क में है और 25 अगस्त को ग्रामीणों से इस मामले के सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस की इस जांच टीम का उद्देश्य न केवल पुसौर गैंगरेप के मामले में न्याय सुनिश्चित करना है, बल्कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर भी कड़ी निगरानी रखना है। विद्यावती ने कहा कि इस जांच टीम की रिपोर्ट जल्द ही प्रदेश कांग्रेस को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पीड़िता और उसके परिवार के साथ खड़ी है।

*गैंगरेप के विरोध में कांग्रेस का मौन जुलूस*
प्रेसवार्ता के बाद कांग्रेस ने उमेश पटेल के नेतृत्व में राज्य में लचर कानून व्यवस्था और पुसौर सामूहिक दुष्कर्म के विरोध में जिला कांग्रेस कार्यालय से गांधी प्रतिमा तक काली पट्टी लगाकर मौन रैली निकाली। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में ‘महिलाओं पर बढ़ रहा अत्याचार, सो रही भाजपा सरकार’ जैसे नारों वाले बैनर थामे थे। मौन जुलुस में आईं कई बच्चियां हाथों में बैनर थामें आक्रोशित नजर आईं।

*इनकी रही उपस्थिति*
प्रेसवार्ता में उमेश पटेल के साथ विद्यावती सिदार, प्रकाश नायक, अनिल शुक्ला, संजय देवांगन, दीपक पाण्डेय, विकास शर्मा, शाखा यादव, राकेश पाण्डेय, रवि पाण्डेय, किरण पंडा, नारायण घोरे, कुंज बिहारी सिदार, आशीष शर्मा, मुकेश पटेल के अलावा अन्य कई नेता, महिला नेत्री और कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।

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