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बेटी योगिता पटनायक ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कत्थक में प्रथम स्थान हासिल कर जिले का मान बढ़ाया

रायगढ़ – रायगढ़ की बेटी योगिता पटनायक ने हाल ही में ग्वालियर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय उद्धव उत्सव में क्लासिकल सोलो डांस (कत्थक) प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर पूरे जिले का नाम रोशन किया। योगिता का यह सम्मान केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि रायगढ़ जिले के समाज और कला क्षेत्र के लिए भी गौरव का विषय है। ग्वालियर में आयोजित इस प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों और देशों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, लेकिन रायगढ़ की योगिता पटनायक ने अपने अद्वितीय प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया।
योगिता पटनायक ने बताया कि उन्होंने मात्र 3 वर्ष की आयु से कत्थक सीखना शुरू किया और तब से ही वे इस कला में निरंतर आगे बढ़ती रहीं।

जैसे-जैसे उन्होंने अपनी कला को मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त किया, वैसे-वैसे उनकी प्रतिभा में निखार आता गया। योगिता के लिए यह एक व्यक्तिगत यात्रा रही है जिसमें उन्होंने अपनी कला में महारत हासिल करने के लिए कठोर परिश्रम किया है। अपने निजी प्रयासों और जाप के माध्यम से योगिता ने खुद को कत्थक में पारंगत बनाया है और यह प्रतियोगिता उनके समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण है।

15 से 18 अक्टूबर तक ग्वालियर में चले इस उत्सव में नेशनल और इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताएं हुईं, जिनमें ग्रुप डांस और सोलो क्लासिकल डांस (कत्थक) शामिल थे। 17 अक्टूबर को योगिता ने सोलो क्लासिकल डांस (कत्थक) के पहले चरण में विजय प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने 18 अक्टूबर की सुबह दूसरे चरण में भी प्रथम स्थान हासिल किया। उनके इस अद्वितीय प्रदर्शन ने रायगढ़ को गौरवान्वित किया और जिला वासियों के लिए गर्व का कारण बना।
योगिता का यह सफर केवल एक प्रतियोगिता में जीत से अधिक है; यह एक प्रेरणा है कि किस प्रकार दृढ़ इच्छाशक्ति और निष्ठा से कोई भी व्यक्ति अपनी मंजिल तक पहुँच सकता है। इस उपलब्धि के साथ, योगिता ने न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे रायगढ़ जिले को गर्व महसूस कराया है। उनकी इस सफलता ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और अपनी पसंद के प्रति समर्पण से हर सपना साकार किया जा सकता है।
योगिता के इस विजय ने रायगढ़ के युवाओं को भी एक नई दिशा दिखाई है और उन्हें प्रेरित किया है कि वे भी अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं। योगिता की यह उपलब्धि उनकी वर्षों की मेहनत, कला के प्रति उनकी निष्ठा, और उनके आत्मविश्वास का परिणाम है। अब वे रायगढ़ के कलाकारों और युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं, और उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि रायगढ़ जैसे छोटे जिले से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है।

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