बैलगाड़ी में बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा दूल्हा, आदिवासी परंपरा को बचाने शिक्षित परिवार की अनूठी पहल

धार: जिले के कुक्षी क्षेत्र के पडियाल गांव में ऐसी बारात निकली, जिसे देखने के लिए लोग घरों से बाहर निकल आए। इस आधुनिक युग में जहां एक से एक वाहन मौजूद है लेकिन इस गांव में दुल्हन की तरह सजाई गई 5 बैल गाड़ियों में निकाली गई। बारात एक बैलगाड़ी में दूल्हा उसके दोस्त व बहन साथ ही अन्य बैल गाड़ियों में उसके परिजन मौजूद रहे। वहीं आगे डीजे की धुन पर आदिवासी नृत्य करते हुए रिश्तेदार थिरक रहे थे। आधुनिक चकाचौंध से दूर यह बारात सबके लिए कौतूहल का विषय रही।

दरअसल गांव के शिक्षित युवा सामाजिक कार्यकर्ता गजेंद्र अलावा पिपरीपुरा बैलगाड़ी में बारात निकालकर दुल्हन के घर पड़ियाल के रणदापुरा पहुंचे। आदिवासी परंपरा के अनुसार दूल्हे ने साधारण धोती कमीज पहनकर सजी बैल गाड़ी में बैठकर अपनी दुल्हन को लेने बारात लेकर गया। दूल्हे के पिता भी शिक्षक हैं दुल्हन की बहन मंडी इंस्पेक्टर है। दुल्हन का परिवार शिक्षित और अच्छे पद पर है, लेकिन अपनी संस्कृति व सभ्यता को बचाने के लिए युवा दूल्हे की इस पहल से ग्रामीण और बाराती भी उत्साह से भरे हुए नजर आए और बारात में शामिल हुए।

आपको बता दें कि पूर्व के वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में एक गांव से दूसरे गांव जब कोई साधन नहीं हुआ करते थे बारात बैलगाड़ी से ही जाया करती थी। लेकिन अब जब वाहनों की कतारें लगी हुई है आधुनिक वाहन है और वाहन से बारात ले जाने में परिवार समर्थ है, उसके बावजूद परिवार ने आदिवासी परंपरा का निर्वाहन करते हुए बारात को बैलगाड़ी से निकाला और दुल्हन को लेने बारात बैलगाड़ी से पहुंची।

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