बोजिया घटना को लेकर मुस्लिम समुदाय ने निकाली मौन जुलूस,शहर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण करते हुए पहुंची कलेक्ट्रेट,मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन किया शीघ्र गिरफ्तारी की मांग,

रायगढ़। जिले के छाल थाना अन्तर्गत बोजिया में स्थित मस्जिद में पिछले 5 दिसंबर को सुअर का कटा हुआ सर और एक धमकी भरा पत्र के मामले में अब तक कोई कार्रवाई न होने से आज मुस्लिम समुदाय द्वारा मौन जुलूस निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर शीघ्र कारवाई की मांग की गई।

पिछले दिनों जिले के धरमजयगढ़ तहसील अंतर्गत छाल थाना के बोजिया ग्राम में एक बड़ा मामला सामने आया था। इस घटनाक्रम में असामाजिक तत्वों के द्वारा बोजिया में स्थित मस्जिद में सूअर का कटा हुआ सर और एक धमकी भरा पत्र छोड़ा गया था। मामला सामने आने के बाद मुस्लिम समुदाय के द्वारा तत्काल इसकी सूचना समीप के पुलिस को और जिला पुलिस अधीक्षक सहित कलेक्टर तक के संज्ञान में लाया गया था। खास बात यह है कि 4 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में छाल पुलिस के हाथ पूरी तरीके से खाली है । इस घटना से आक्रोशित मुस्लिम समुदाय के द्वारा आज मौन जुलूस निकालकर अपना आक्रोश व्यक्त किया गया और जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर शीघ्र कार्यवाही की मांग की गई।

शुक्रवार को नमाज के बाद दोपहर गांजा चौक स्थित जामा मस्जिद से मौन जुलूस निकाला गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग हाथों में बैनर तख्ती लेकर शहर का भ्रमण करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। मुस्लिम समुदाय के मौन जुलूस में तख्तियां लिए हुए शहर के विभिन्न चौक चौराहों से गुजरे जिसमें धार्मिक स्थल की रक्षा करने, आपसी सौहार्द बिगाड़ने, धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने, जैसे विभिन्न नारे लिखे हुए थे।

दर असल मस्जिद में सूअर के सिर रखने के मामले में आक्रोश साफ देखा गया मुस्लिम समुदाय के द्वारा शांतिप्रिय तरीके से शहर में जुलूस निकाला जिसकी शहर में चर्चा भी हुई। दरअसल मुस्लिम समुदाय के द्वारा यह कहा गया कि हमारा छत्तीसगढ़ शांति प्रिय जगह है और इस तरह की घटना छत्तीसगढ़ में पहली बार हुई है। रायगढ़ जिले के दूरस्थ छाल थाना क्षेत्र अंतर्गत बोजिया गांव में स्थित मुस्लिम समुदाय के मस्जिद में जिस तरह से एक जानवर का सर रखकर धमकी भरा पत्र छोड़ा गया है इससे मुस्लिम समाज बेहद आक्रोशित है और मुस्लिम समाज अब तक इस मामले में कोई कोई कार्यवाही न होने से मौन जुलूस निकालकर अपना विरोध व्यक्त किया। इस मौन जुलूस में शहर व आसपास के स्थित सभी मस्जिद के पदाधिकारी सहित आम मुस्लिम समुदाय ने हाथों में तख्तियां लिए हुए मौन जुलूस निकालकर इस घटना की न सिर्फ निंदा किया बल्कि इस घटना को हिंसा भड़काने वाला कहा गया जिस तरह से मस्जिद में सूअर का सर कटा हुआ सर रखकर धमकी भरा पत्र छोड़ा गया है। मुस्लिम समुदाय के प्रमुख लोगों का कहना है कि निश्चित रूप से यह घटना हिंसा को बढ़ावा देने वाला है । शहर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण करते हुए मौन जुलूस कलेक्ट्रेट पहुंची जहां पर तहसीलदार लोमेश मिरी के द्वारा समुदाय के लोगों के बीच पहुंचकर ज्ञापन लिया और कहा कि जिला प्रशासन इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है और इस तरह की घटना को प्रशासन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मामले में शीघ्र ही घटना को कार्य करने वाले आरोपी पुलिस पकड़ में होंगे। मुस्लिम समुदाय की ओर से मांग किया गया है कि जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी हो और धार्मिक स्थलों की पूरी तरीके से सुरक्षा की जाए चाहे वह मस्जिद हो मंदिर हो चर्च हो गुरुद्वारा हो इस तरह की दुर्भावना वश घटना किसी दूसरे धार्मिक स्थलों पर न हो । इसे पनपने से पहले इसे कुचलना जरूरी बताया अन्यथा भविष्य में कभी भी दूसरी बड़ी घटना की पुनरावृति हो सकती है।

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