
नारी सरस्वती का रूप हो तुम
नारी लक्ष्मी का स्वरुप हो तुम
बढ़ जाये जब अत्याचारी नारी दुर्गा-काली का रूप हो तुम ॥ 1 ॥
नारी खुशियों का संसार हो तुम
नारी प्रेम का आगार हो तुम
जो घर आँगन को रोशन करती
नारी सूरज की सुनहरी किरण हो तुम ॥ 2 ॥
नारी ममता का सम्मान हो तुम
नारी संस्कारों की जान हो तुम
स्नेह, प्यार और त्याग की नारी इकलौती पहचान हो तुम ॥ 3 ॥
नारी कभी कोमल फूल गुलाब हो तुम
नारी कभी ‘शक्ति’ के अवतार हो तुम
बहन, माँ, मासी, चाहे बुआ
तेरे रूप अनेक नारी ईश्वर का चमत्कार हो तुम ॥ 4 ॥
शक्तिमान मिश्रा
केराकत जौनपुर