रामलीला मैदान बनाने का सपना दिखाकर बैकफुट में आना कांग्रेस की दोहरी मानसिकता का परिचायक — शक्ति अग्रवाल

रायगढ़ शहर का एकमात्र खेल का मैदान रामलीला मैदान अपना अस्तित्व धीरे धीरे को रहा है। कांग्रेस के शासन में इसे बनवाने की बात मेनिफेस्टो में अर्जित है उसके बाद आज तलक एक इंच का भी काम यहा नही हुआ है। खिलाड़ी शहर के भीतर एक अच्छे मैदान को तरस रहे है उक्त कथन सोशल मीडिया जिला संयोजक भारतीय जनता पार्टी के शक्ति अग्रवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही।

एक समय था जब शहर के चारो दिशाओं में खेल के मैदान हुआ करते थे। बढ़ती जनसंख्या , भवन , मॉल, व अन्य चीजों की वजह से अतिक्रमण की मार के कारण मैदानों का अस्तित्व समाप्त हो गया। अब शहर में उंगलियों में गिनने लायक मैदान बचे है। रामलीला मैदान संजय मैदान और नटवर स्कूल मैदान। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया संयोजक शक्ति अग्रवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही। शक्ति ने आगे बताया इन सभी मैदानों में रामलीला मैदान हमेशा सुर्खियों में रहा है। इस मैदान को लेकर समय समय पर साकेत पांडेय ,विकास पांडेय,विजय यादव,शारदा गहलौत व अन्य खिलाड़ी आवाज बुलंद करते रहते है पर आज तलक इस मैदान का जीर्णोधार नही हो पाया है। कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का अहम बिंदु इस मैदान का कायाकल्प का था जो कांग्रेस के तीन वर्ष होने को आए , नही हुआ है। खिलाड़ियों के भावनाओ के साथ आखिर इस तरह का खिलवाड़ क्यों ? इस मैदान का जीर्णोधार खिलाड़ी हित में नहीं हुआ तो इसके लिए अब आंदोलन निश्चित तौर पर किया जाएगा। खिलाड़ियों के इस शानदार खेल मैदान की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये वही मैदान है जहा पर ऑल इंडिया राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता , युवा खिलाड़ी व क्लब क्रिकेट को प्राथमिकता देने वाला आयोजन स्व. काकोली चटर्जी स्मृति प्रतियोगिता , स्व. जीडी दास राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता समेत कई स्तरीय टूर्नामेंट का गढ़ था यह मैदान। शासन व जिला प्रशासन और खासकर कांग्रेस पार्टी जिनके चुनावी घोषणा पत्र का अहम बिंदु था यह मैदान इनको यथाशीघ्र पहल करनी होगी नही तो भाजपा इस मैदान के लिए हल्ला बोल करने से नहीं चूकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button