रायपुर पुलिस ने ट्रक चोर गैंग को पकड़ा ट्रक के नंबर का फर्जीवाड़ा कर बेचने का यह खेल खत्म,,,,

ट्रक के नंबर का फर्जीवाड़ा कर बेचने के इस खेल में छत्तीसगढ़ के साथ अन्य राज्य जहां ट्रकों की खरीदी-बिक्री हुई है। आरोपित दुर्ग निवासी राजेश यदु उर्फ ओमप्रकाश आरटीओ एजेंट का काम करता है। वही गाड़ियों को फर्जी दस्तावेज तैयार करता था।

रायपुर।। रायपुर पुलिस ने ट्रक चोर गैंग को पकड़ा है। लीज में लिए ट्रक को चोरी होना बताकर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से ट्रक बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फर्जीवाड़ा का रैकेट का संचालन बिहार से होता था। पुलिस गिरफ्त में आए पांच सदस्य रायपुर, महासमुंद, भिलाई के हैं। जबकि एक सरगना बिहार का रहने वाला है। गिरोह के कब्जे से पुलिस ने 20 से ज्यादा ट्रक जब्त की है। चोरी के ट्रक को रायपुर में खमतराई इलाके की एक यार्ड में छिपाकर रखते थे। आरोपितों के पास से 283 ट्रकों के चोरी का मामला अब तक सामने आया है।

एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने मामले का राजफाश करते हुए बताया है कि फर्जीवाड़ा करने के आरोप में बिहार, मुजफ्फरपुर निवासी सत्येन्द्र कुमार के अलावा उपेन्द्र शर्मा, अशोक अग्रवाल, शाहाबुद्दीन अहमद काजी उर्फ सब्बू उर्फ सोनू खान, राजेश यदु उर्फ ओमप्रकाश और नारायण दास रोहरा को गिरफ्तार किया गया है। एक अन्य आरोपित नागेंद्र कुमार फरार है।

मोटी रकम का लालच देकर लीज में लेते थे ट्रक
एसएसपी के मुताबिक नागेंद्र और सत्येंद्र ट्रक मालिक को हर महीने 80 से 85 हजार रुपये देने की बात कहकर ट्रक लीज में लेते थे। ट्रक मालिक को दो-तीन महीने ट्रक का किराया देते थे। इसके बाद ट्रक मालिक को ट्रक चोरी होने की बात कह ट्रक का हुलिया बदलने के साथ चेचिस नंबर बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर जो सेकेंड हैंड ट्रक लेना चाहते हैं उन्हें बेच देते थे।

नेटवर्क पूरे देश में फैला है
पुलिस अफसरों के मुताबिक गिरफ्त में आए रैकेट देश के अलग-अलग राज्यों में फर्जीवाड़ा करने का नेटवर्क संचालित करते हैं। गिरोह के लोग छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तरप्रदेश और नार्थ-ईस्ट में फर्जी दस्तावेज तैयार कर ट्रक को खपाने का काम करते थे।

अब तक 283 ट्रक लीज में लेकर किया फर्जीवाड़ा
नागेंद्र के नाम पर अब तक 283 ट्रक लीज में लेने की जानकारी मिली है। नागेंद्र का उद्देश्य ट्रक लीज में लेकर चलाने की बजाय उस ट्रक को चोरी होना बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने का रहा है। इस लिहाज से पुलिस को आशंका है कि नागेंद्र ने जितनी ट्रक लीज में ली है उन सभी ट्रकों की फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया होगा।

ऐसे फर्जीवाड़ा आया सामने

  • उत्तरप्रदेश, मऊ निवासी अनुज कुमार सिंह की शिकायत के बाद पुलिस ट्रक लीज में लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भांडाफोड़ करने में पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी। बिलासपुर के ट्रांसपोर्टर शेख मकसूद, उपेंद्र शर्मा के भनपुरी स्थित यार्ड में ट्रक खरीदने के लिए गया था। शंका होने पर ट्रांसपोर्टर ने चेचीस नंबर के आधार पर अनुज से संपर्क किया, तो उसने बताया कि वह नागेंद्र को ट्रक लीज में दिया है। ट्रक को बेचे जाने की जानकारी मिलने के बाद अनुज ने मामले की शिकायत थाने में की। जब बिलासपुर के ट्रांसपोर्टर ट्रक देखने गया था, तब तक चेचीस नंबर को बदला नहीं गया था।

आरोपित राजेश यदु आरडीओ एजेंट

  • ट्रक के नंबर का फर्जीवाड़ा कर बेचने के इस खेल में छत्तीसगढ़ के साथ अन्य राज्य जहां ट्रकों की खरीदी-बिक्री हुई है। आरोपित दुर्ग निवासी राजेश यदु उर्फ ओमप्रकाश आरटीओ एजेंट का काम करता है। वही गाड़ियों को फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। नागालैंड, अरूणाचल प्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश के स्थानीय आरटीओ एजेंट के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार किया जाता था। इसके बाद ट्रकों को 10 से 15 लाख में बेच दिया जाता था।

ऐसे चलता है पूरा खेल

  • आरोपित शाहाबुद्दीन अहमद कार्जी उर्फ सब्बू जो कि पहले भी 10 वर्ष पहले भी ट्रक चोरी के मामले में जेल जा चुका है। सब्बू, अशोक अग्रवाल एवं अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करते थे। दस्तावेज तैयार करने की जिम्मेदारी राजेश यदु की थी। आरोपित चोरी व फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर सस्ते में बेचे जाने वाले छह चक्का, 12 चक्का और 14 चक्का ट्रकों को खरीद कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर छत्तीसगढ़ का रजिस्ट्रेशन करवा लेते थे। इसके बाद उसे महगे दाम में स्थानीय ट्रांसपोटर्स को बेचते थे। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि सत्येंद्र कुमार मुज्जफर बिहार के कुछ बड़े ट्रांसपोटर्स, एजेंटों व दलालों के माध्यम से लीज पर लेता था। इसके बाद ट्रकों को महाराष्ट्र, बिहार और छत्तीसगढ़ के ट्रक के चेचिस नंबर बदलने में माहिर लोगों से बदलवा लेते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button