
सक्ती। राजनीतिक मैदान में राजनीति की पहली सीढ़ी यानी सरपंच भी कहीं से पीछे नहीं है और इनका संघ भी बहुत अब खुलकर कांग्रेसी नेता मनहरण सिंह राठौर के लिए खड़ा दिखाई दे रहा है।राजनीति में स्थाई दोस्ती और स्थाई दुश्मनी दोनों नहीं होती है, होती है तो बस राजनीति इसका उदाहरण 10 जुलाई को हुए सरपंच संघ सक्ती की बैठक में देखने को मिला। सरपंच संघ के अध्यक्ष डमरूधर साहू हैं जिन्हें 2018 के चुनाव तक कट्टर भाजपा समर्थक कहा जाता था, अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार वहीं सरपंच संघ एक निष्पक्ष संघ माना जाता है जिसमें भाजपा, कांग्रेस, निर्दलीय से लेकर बहुत से दल के सरपंच हैं, लेकिन सत्ता का असर इतना मजबूत होता है कि लोग सत्ता के साथ अपनी तूती बजाने लालायित रहते है।

सरपंच संघ भी बैठक में एक प्रस्ताव कर डॉ चरणदास महंत को पत्र लिख कांग्रेस नेता और डॉ महंत के करीबी कहे जाने वाले मनहरण राठौर को निगम आयोग में पद दिलाने गुहार लगा रहा है। संघ के लेटर पेड में 19 सरपंचों ने डॉ महंत को पत्र लिख कहा है कि जनपद सक्ती क्षेत्र में आपके मंशा अनुरूप मनहरण राठौर विकास के मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय हैं। मनहरण राठौर को अगर कोई बड़ी जवाबदारी दी जाती है तो उससे सरपंच काफी खुश रहेंगे। पत्र में संघ ने आगे लिखा है कि क्षेत्र के कार्यकर्ता भी मनहरण राठौर को बड़े पद में देखना चाहते हैं। सरपंच संघ के लेटर का राजनीतिक गलियारों में भी जोरों पर चर्चा हो रही है, कुछ का कहना है कि सरपंच संघ की आड़ में मनहरण राठौर द्वारा डॉ महंत के ऊपर दबाव की राजनीति की जा रही है वही कुछ का मानना है कि सरपंच संघ की एकजुटता से डॉ महंत को अगले चुनाव में निःसंदेह फायदा होगा।














