शराबियों द्वारा रोज आस पास के खेतों में फेंक रहे डिस्पोजल, पानी पाउच, चखना रेपर, प्लास्टिक की थैलियां और शराब के बोतलें…..
विधि विरुद्ध मापदंडों के विपरीत परिस्थितियों में भी भीड़ भाड़ वाले तिराहे चौंक पर शराब बिक्री हेतु स्थल का चयन को लेकर लोगो में पनप रहा आक्रोश।
किसानों खेतो में बिखरा पड़ा है भारी माता में प्लास्टिक कचरा और टूटी हुई कांच की शीशियां। कृषि कार्य में हो रही परेशानियां….
रायगढ़। जिले के लैलूंगा नगर पंचायत स्थित विदेशी मदिरा दुकान इन दिनों काफी चर्चा की जगह बनी हुई है, जहां एक ओर अटल चौक से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित विदेशी मदिरा दुकान को लेकर लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। वहीं दूसरी ओर आमजन का कहना है कि उक्त मदिरा दुकान को आवंटित करने में भारी अनियमित्ता बरती गई है,जहां बिना स्थल जाँच किये कच्ची छत के भवन को पक्का भवन बताकर लैलूंगा के सबसे भीड़-भाड़ वाले इलाके अटल चौक जोकि जशपुर, रायगढ़, तथा पत्थलगांव रोड का संगम स्थल है।व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से आबकारी विभाग के उच्च अधिकारीयों द्वारा आबकारी निती को ताख पर रख कर शराब दुकान आवंटित करने के आरोप भी आमजन के द्वारा लगाए जा रहे हैं। इस मामले में जानकारो कि माने तो जिन मापदंडों को पूरा नहीं करने के कारण आबकारी विभाग द्वारा अन्य जगहों के आवेदन को अपात्र मानते हुए निरस्त कर दिया, उन्ही मापदंडों को पूरा नहीं करने वाली जगह को लैलूंगा विशेष के लिए उचित बताते हुए आबकारी विभाग द्वारा आबंटित किया जाना कई सवालों को जन्म देता है।
स्थानीय लोगों का यह आरोप है कि उक्त शराब दुकान को खोलने से पहले नगरवासियों से किसी प्रकार का कोई पूछ ताछ नहीं की गई और गुपचुप तरीके से विधि विरुद्ध मापदंडों के विपरीत परिस्थितियों में भी स्थल का चयन करके शराब दुकान का आबंटन करना समझ से परे है, जिसमें आबकारी विभाग के उच्च अधिकारीयों की संलिप्तता स्वयमेव झलकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जब से शराब दुकान खुली है, यहाँ के रहवासियों का जीना मुश्किल हो गया है आये दिन शराब के नशे में चूर शराबी आस-पास गाली गलौच, मार पीट करते नजर आते हैं जिससे नगर की बहन बेटियों का घर से निकलना मुश्किल सा हो गया है साथ ही कन्या शाला, आई.टी.आई., लैलूंगा कालेज की लड़कियों को इसी शराब दुकान को पार करके पढ़ने जाना पड़ता है जिसका फायदा उठाकर असामाजिक तत्व उक्त शराब दुकान के अगल बगल नशे की हालत में मंडराते नजर आते हैं और आने जाने वाली लड़कियों पर अभद्र टिप्पणी करते भी देखे गए हैं, जिसके चलते देश की बहन-बेटियाँ रोज अपमानित होकर स्कूल कालेज जाने को मजबूर नजर आती हैं।
जब से उक्त शासकीय शराब दुकान खुली है तब से उक्त शराब दुकान के भू-स्वामी द्वारा इस शराब दुकान के अगल-बगल अवैध चखना सेंटर का जाल बिछा दिया गया है, वही आस-पास के रहवासियों का यह भी आरोप है कि यहां खुलेआम बिना रोकटोक के शराब पिलाई एवं परोसी जाती है। जहां असामाजिक तत्वो द्वारा चखना सेंटर में शराबियों को यह निर्देशित कर रखा है कि “शराब पीने के बाद खाली बोतल और डिस्पोजल गिलास को यहाँ से उठा कर फेंकना पड़ेगा” उनके इस निर्देश का पालन करते हुए शराब पीने के बाद बोतल और डिस्पोजल गिलास को अगल-बगल के खेतों में फेंक देने की पुष्टि हमारे मीडिया टीम ने खुद की है। विरोध किये जाने पर असामाजिक तत्वो द्वारा द्वारा लड़ाई झगडे तक कि नौबत आ पड़ती है वहीं खेत में फेंकी हुई काँच की खाली शराब की बोतलों को डंडे, पत्थर से पिटकर तोड़ दिया जाता है, जिससे शराब दुकान के अगल बगल के खेतों में मजदूरों ने काम करने से मना कर दिया है, फलस्वरूप शराब दुकान के अगल-बगल की दो फसली जमीन बंजर होने के कगार में है और प्रभावित किसानों की आजीविका में इसका भारी असर पड़ रहा है।
लैलूंगा निवासी आवेदक अली अहमद ने बताया कि इस संबंध में पूर्व में भी कई बार तहसीलदार, एस.डी.एम., जिला आबकारी अधिकारी, कलेक्टर महोदय, विधायक, सांसद, मंत्री आबकारी विभाग, मुख्यमंत्री सभी को पत्राचार के माध्यम से हो रही समस्याओं से अवगत कराकर न्याय की गुहार लगाई जा चुकी है किंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ऐसे में जिम्मेदार स्थानीय और विभागीय नुमाइंदों की भूमिका पर सवाल उठता भी लाजिमी है। बहरहाल खबर प्रकाशन के बाद देखने वाली बात होगी कि मामले में प्रशासन किस प्रकार का रुख इख्तियार करती है।