शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी को गैलेंट्री अवार्ड के लिए शुरू हुई मुहिम, 20 मई को मनाया जाएगा शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी का जन्मदिन

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*शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी को गैलेंट्री अवार्ड के लिए शुरू हुई मुहिम*
*सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रही शहीद के पिता की पाती*
*20 मई को मनाया जाएगा शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी का जन्मदिन*
रायगढ़ =13 नवंबर 2021 दिन शनिवार को देश  भुलाए नहीं भूलेगा, आतंकियों ने देश के बेटे कर्नल विप्लव त्रिपाठी को उनके परिवार समेत छीन लिया। पूरे देश में शोक की लहर थी, शहीद की जन्मस्थली उनका गृह जिला रायगढ़ आज भी उस सदमें से उबर नहीं पाया है। शायद समय ही यह घाव भरे। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की शहादत के बाद सिर्फ एक मिनी स्टेडियम ही उनके नाम स्थानीय प्रशासन कर पाया है। जिस शहीद को मरणोपरांत गैलेंट्री अवार्ड मिलना चाहिए था पर वह मिला नहीं अब उन्हें गैलेंट्री अवार्ड दिलाने के लिए मुहिम शुरू हो चुकी है।
  *विदित हो कि बीते वर्ष नवंबर की 13 तारीख को मणिपुर में सेना के एक काफिले पर आतंकवादियों के एक समूह ने अचानक छिपकर कायराना हमला किया था उस हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी समानुदेशक (सीओ) 46 असम राईफल्स अपने चार जवानों के साथ शहीद हुए थे। उसी हमले में उनकी पत्नी अनुजा त्रिपाठी और सात वर्ष के बेटे अबीर त्रिपाठी ने भी अपने प्राणों की आहूति दी थी उपलब्ध जानकारी के अनुसार भारतीय सैन्य इतिहास में यह ऐसी पहली घटना है जिसमें पति-पत्नी और सात वर्ष के मासूम बच्चे ने एक साथ प्राणोत्सर्ग किया है। घात लगाकर किये कायराना आतंकी हमले से पूरी बहादुरी के साथ जूझते हुए अपने अदम्य साहस और सैन्योचित पराक्रम का श्रेष्ठतम प्रदर्शन करते हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी ने एक इतिहास रचा है।
*शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी रायगढ़ के लाल थे और शहर में वह जाना-पहचाना चेहरा। कई युवा इनसे प्रेरणा लेकर भारतीय सेना में भर्ती हुए हैं।
*रायगढ़ के बेटे शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी को अब गैलेंट्री अवार्ड दिलाने की मांग सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहा है। शहीद के पिता वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी ने इस बाबत जनप्रतिनिधियों से पत्राचार किया है। उनका एक मार्मिक पत्र लोग सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं। इस पत्र में सुभाष त्रिपाठी ने लिखा है “न केवल युद्धकाल बल्कि शांतिकाल में भी मातृभूमि  की रक्षा करते हुए राष्ट्र के शत्रुओं से लड़ते हुए प्राणोत्सर्ग करने वाले भारतीय सेना के अधिकारियों और जवानों को गेलेंट्री एवार्ड से पुरस्कृत करने के लिए भारत सरकार की सुस्थापित एवं सुदीर्घ परंपरा रही है। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी ने मातृभूमि के लिये अपने परिवार सहित प्राणों की आहूति देकर न अपने गृहनगर रायगढ़ बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। इन मायनों में उनकी स्मृति को कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। इस पूरे परिप्रेक्ष्य में मेरा आपसे यही विनम्र आग्रह है कि छत्तीसगढ़ के माटीपुत्र कर्नल विप्लव त्रिपाठी की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से अलंकृत करने की अनुशंसा करते हुए अपनी ओर से भारत सरकार को एक पत्र लिख सकें तो न केवल मैं और मेरा परिवार सदैव आपका कृतज्ञ रहेगा बल्कि छत्तीसगढ़ की देशभक्त जनता भी आपके प्रति कृतज्ञ रहेगी।“
*शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति ट्रस्ट मनाएगा जन्मदिन*
शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की स्मृति में बीते दिन शहर के गणमान्य नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों ने एक बैठक की जिसमें शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मेमोरियल ट्रस्ट बनाया है। यह ट्रस्ट शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के जन्मदिन 20 मई पर विविध आयोजन करेगा। जिसमें कमला नेहरू उद्यान में बच्चों के लिए जरा याद करो कुर्बानी थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता, शाम को शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में देशभक्ति गीत-संगीत संध्या का आयोजन करेगा। 5100 दीपों से शहीद को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।* 
*बिलासपुर में भी होंगे विविध आयोजन*
शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के जन्मदिन को बिलासपुर में भी मनाया जाएगा जिसके लिए वहां भी तैयारियां की जा रही हैं। उनकी पत्नी शहीद अनुजा त्रिपाठी बिलासपुर की बेटी हैं उनके परिवार समेत शहादत ने बिलासपुर को भी झकझोर दिया था। रणकौशल से अनभिज्ञ और अप्रशिक्षित होने के बावजूद शहीद अनुजा त्रिपाठी ने जिस धैर्य और साहस का परिचय देते हुए आतंकी हमले का सामना किया और आखिरी सांस पति और बेटे के साथ ली वह कभी भुलाया नहीं जाएगा। इसी महीने की 11 तारीख को उनका भी जन्मदिन है। बिलासपुर के लोग उनकी स्मृति में भी विविध आयोजन करेंगे। साथ ही वहां के युवाओं ने स्मृति उद्यान बनाकार वहां उनकी प्रतिमा को स्थापित करने के लिए एक जगह खोजने की कवायद भी शुरू कर दी है।
*अविस्मरणीय रहेगी शहादत*
पत्र में सुभाष त्रिपाठी ने उल्लेख किया है “शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी श्रीमती अनुजा त्रिपाठी अपने ब्रिगेड में आर्मी वाइफ एसोसिएशन (आवा) की प्रमुख होने के नाते सैनिक परिवारों के कल्याण को लेकर विभिन्न जिम्मेदारियों का वहन पूरी सजगता और सक्रियता से कर रही थीं। खासतौर पर सैनिकों की पत्नियों और बच्चों से उनका बेहद आत्मीय संबंध बन चुका था। वे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने, रचनात्मक कार्यों से जोड़ने और शिक्षा के प्रति सजग रहने की योजनाओं से जोड़ते हुए पूरी तन्मयता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही थीं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि कर्नल विप्लव त्रिपाठी को अपने दायित्वों निर्वहन करने में जिन अनुकूल परिस्थितियों की आवश्यकता होती थी उसका श्रेय उनकी पत्नी अनुजा त्रिपाठी को जाता है। इन मायनो में अपने बच्चे के साथ आतंकी हमले में उनकी शहादत अविस्मरणीय रहेगी।“

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