*श्रम न्यायालय बिलासपुर के द्वारा आरोपी करण ऋषि को कारखाना अधिनियम के तहत आरोप दोषसिद्ध पाये जाने से आरोपी गए जेल*
*पीड़िता एक राजपत्रित महिला अधिकारी है*
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बिलासपुर =शासन की ओर से कारखाना निरीक्षक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा बिलासपुर के द्वारा करण ऋषि आ. सुनील ऋषि मेसर्स विशाल अभिकरण बोदरी, जिला बिलासपुर निवासी ए/99 लिंक रोड, थाना तारबाहर, जिला बिलासपुर के विरूद्ध कारखाना अधिनियम 1948 की धारा के तहत परिवाद पेश किया गया था, जिसमें श्रम न्यायालय बिलासपुर के द्वारा निर्णय दिनांक 14.08.2018 में यह अभिनिर्णित किया गया कि अभियुक्त द्वारा परिवादिनी को केवल शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का कृत्य मात्र ही नहीं किया गया है, अपितु अपने इस कृत्यु के द्वारा उसने राज्य के सार्वभौम सत्ता को चुनौती देते हुए राज्य के सार्वभौमिक शक्ति के विरूद्ध अपराध कारित किया है। पीडिता न केवल शासकीय सेवक है बल्कि राजपत्रित महिला अधिकारी है, जो राज्य के अधिकारी के रूप में उसे सौंपे गये कर्तव्यों का निष्पादन करने के लिए अग्रसर थी। यदि इस प्रकार राज्य के काम-काज को सम्पन्न करने वाले अधिकारियों को उनके पदीय दायित्व के निर्वहन में बाधा पहुंचाकर आतंकित करने का कार्य किया गया तो इससे राज्य की व्यवस्था चरमरा जाएगी और राज्य का कोई भी शासकीय सेवक या अधिकारी भयभीत होकर अपने पदीय दायित्व के निर्वहन से विरत रहने की कोशिश करेगा, जिसका अंतिम परिणाम अव्यवस्था और अराजकता होगी । परिवादिनी जोकि एक महिला अधिकारी हैं के द्वारा इस विषय पर साहसपूर्वक की गई कार्यवाही प्रशंसनीय ही है, क्योंकि सामान्यतः ऐसी स्थिति में लोग परिस्थितियों से समझौता कर, विधि प्रवर्तन संस्थानों पर आने से बचते हैं। बहरहाल सिद्धदोष अपराध इस प्रकृति का नहीं है, जिसके लिए अपीलार्थी/अभियुक्त पर विचारण न्यायालय द्वारा आरोपित दण्डादेश में किसी भी प्रकार की न्यूनता अथवा कमी किया जाय । इसलिए अभियुक्त करण ऋषि को कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 95 के तहत छः माह के साधारण कारावास के दण्ड से दण्डित करते हुए दिनांक 06.01.2024 को अभियुक्त करण ऋषि आ. सुनील ऋषि को केन्द्रीय कारागार बिलासपुर भेजा गया ।