सरकार की नई शराब नीति से सुधरेगी ख़ज़ाने की सूरत झारखंड की नई शराब नीति नकली व शराब की कालाबाजारी की चेन तोड़ना है उद्देश्य

प्रदेश में 1600 करोड़ से अधिक का है शराब कारोबार, 24 जिलों में है तकरीबन 15 सौ खुदरा लायसेंसी शराब दुकान,

रांची .
राज्य सरकार की नई उत्पाद नीति लेकर आई है । झारखण्ड सरकार की नई वितरण नीति के तहत शराब की थोक आपूर्ति का काम झारखण्ड स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन से छीन कर निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश में नकली व शराब की कालाबाजारी पर पूरी तरह नियंत्रण और अंकुश लगाने की है। इससे प्रदेश सरकार के खजाने में भी वृद्धि होगी।
राज्य के 24 जिलों में शराब की थोक आपूर्ति के लिए अलग- अलग कम्पनियों को काम आबंटित किया है। शुरुवाती दिक्कतों के बाद अब 24 जिलों में शराब की आपूर्ति सुचारू रूप से हो रही है। ऐसा करने के पीछे सरकार का उद्देश्य प्रदेश से शराब की कालाबाजारी व नकली शराब पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की है। शराब उत्पादन की मॉनिटरिंग का जिम्मा उत्पाद एव मद्य निषेध विभाग को इसकी मॉनिटरिंग करना है और यह इस पर खास तौर पर नजर रख रही है। सरकार किसी भी कीमत पर आपूर्ति चेन में कालाबाजारी व नकली शराब रैकेट की चेन को तोड़ना है यही वजह है कि हर जिले में अलग अलग कंपनियों को शराब आपूर्ति का जिम्मा दिया गया है ताकि किसी एक का वर्चस्व भी न रहे और गुणवत्ता पूर्ण शराब की आपूर्ति हो सके। नकली शराब के नेटवर्क को ध्वस्त करना क्योंकि नकली शराब की वजह से पूर्व में बहुतों की जान गई है। और सरकार इस नई नीति से उत्पादन एवं मद्य निषेद विभाग द्वारा 1800 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। पूर्व में शराब का वितरण सरकारी स्तर से करने का खामियाजा उठाना पड़ा था।

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