रायगढ़ – रायगढ़ जिले से सारंगढ़ पृथक होने के बाद जिले में अब कुल चार विधान सभा क्षेत्र हैं। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को अब कुछ माह ही शेष रह गए हैं वर्तमान में रायगढ़ जिले की चारों विधान सभा सीटों में कांग्रेस विद्यमान है। रायगढ़ विधानसभा जिले की मुख्य सीट मानी जाती हैं सामान्य सीट होने के कारण इस विधान सभा में हर बार दावेदारों की लंबी लाइन देखने को मिलती है। कला एंव सांस्कृतिक जिले के इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी अपनी – अपनी पार्टी को जिताने में पूरी ऊर्जा झोंक देना चाह रहे हैं। जिले की चारों विधानसभा सीटों में से एक सीट खरसिया विधान सभा सीट भी है जिसे हॉट सीट भी माना जाता हैं खास बात यह भी है कि खरसिया विधान सभा सीट के कारण रायगढ़ जिले की पहचान केवल प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली तक है इसी कारण कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय नेताओं की नजर रायगढ़ जिला की विधान सभा सीटों में सीधी रहती हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के सामूहिक स्थलों में अब चर्चा होनी शुरू हो गई हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 विधानसभा क्षेत्र है जहां की दलीय स्थिति इस प्रकार है भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-71, भारतीय जनता पार्टी -14 ,जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)-3, तथा बहू जन समाज पार्टी 2 इस प्रकार प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में अभी कांग्रेस की सरकार है और वहीं भाजपा मुख्य रूप से विपक्ष का रोल निभा रही है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा को विपक्ष में आना पड़ गया, अब चूंकि इसी वर्ष फिर से चुनाव होना है इसको लेकर भाजपा यहां पहले के मुताबिक अब बहुत अधिक सचेत हो गई है। कहा जा रहा है कि इसबार भाजपा जमीनी नेताओं की हकीकत को परख कर ही टिकट का वितरण करेगी। एक तरफ प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपनी योजनाओ को लेकर जनता के बीच पहुंच रही है। तो वहीं भाजपा भी कांग्रेस सरकार की नाकामी के खिलाफ प्रतिदिन आवाज उठा रही है। चुनाव की बढ़ती नजदीकियों को देखते हुए टिकट के दावेदारों को भी देखा जा रहा है। रायगढ़ भाजपा से दावेदारो की लिस्ट वैसे तो बहुत लम्बी है पर एक नाम युवा नेतृत्व सुनील रामदास अग्रवाल का आता है जो केवल रायगढ़ जिले ही नहीं अपितु राजधानी रायपुर में भी राष्ट्रवादी विचारधारा को लेकर लगातार सक्रिय हैं। तमाम दावेदारों में सुनील रामदास अग्रवाल एक ऐसा नाम है जिसे जनता की आत्मीय स्वीकृति है। यह नाम जनता के बीच से निकल कर सामने आ रहा है। बता दें कि सुनील रामदास भारतीय जनता पार्टी के द्वारा दी गई जिम्मेदारी को निभाने और अपने कर्तब्यों का भली-भांति निर्वहन करने में अन्य नेताओं से बहुत आगे माने जाते हैं। ज्ञात हो कि सुनील रामदास अग्रवाल भाजपा नेता होने के साथ – साथ प्रदेश के ख्याति लब्ध समाज सेवी भी हैं वे रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के माध्यम से लगातार पर्यावरण संरक्षण का कार्य कर रहे हैं । रायगढ़ जिले से लेकर प्रदेश की राजधानी तक इनका नाम साज सेवा के विभिन्न प्रकल्पों के लिए जाना जाता हैं हिंदुत्व का झंडा लेकर प्रचार में घूमने वाले अन्य भाजपा नेताओं में सुनील रामदास अग्रवाल का नाम सबसे पहले लिया जाता हैं। प्रदेश की राजनीति में सुनील रामदास अग्रवाल का नाम एक साफ छबि के नेता के रूप में देखा जाता है, रायगढ़ के निवासी सुनील रामदास अग्रवाल की राजनीति में मिलनसार और सरल सहज मृदुभाषी छवि वाली पृष्ठभूमि रही है उसके साथ – साथ जिले के अन्य समाजिक संगठन, व्यापारी संगठन, सहित अन्य सामाजिक संगठनों में इनका खूब सम्मान देखा जाता है। खास बात यह भी है कि रायगढ़ भाजपा की राजनीति में सुनील रामदास अग्रवाल का नाम गुटबाजी से कोसो दूर है, संगठन के एक – एक पदाधिकारी और कार्यकर्ताओ का नाम मुखाग्र याद रखते हैं , ऐसे बहुत से उदाहरण है जिससे रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सुनील रामदास की राजनीतिक उपलब्धियां और लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है। आमजन में यह चर्चा आम है कि भाजपा में टिकट के कई दावेदार हैं लेकिन सुनील रामदास ही एक ऐसा नाम है जिनकी सक्रियता और लोकप्रियता भाजपा के लिए लाभ दायक हो सकती है। राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो भाजपा में यह एक ऐसा नाम है जो आने वाले चुनाव में रायगढ़ जिला की चारों विधानसभा सीटों में भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है क्योंकि शहर से लेकर गांव – गाँव में भाजपा की विचारधारा को मजबूत करना ही इनका मुख्य उद्देश्य रहा है।
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