डिजिटल हो रहा भारत, नकदी की जगह ई-वॉलेट, UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं यूजर्स- नीति आयोग

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को कहा है कि लोगों को वित्तीय सेवाओं तक अधिक और आसान पहुंच मिलने से भारत में डिजिटलीकरण बढ़ रहा है, जिसके कारण उपभोक्ताओं के वित्तीय व्यवहार में बदलाव आया और वे नकद की जगह ई-वॉलेट (e-wallet) तथा यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुमार ने ‘नीति आयोग के फिनटेक मुक्त शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि फिनटेक के उदय ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है. उन्होंने आगे कहा कि अधिक न्यायसंगत, समृद्ध और वित्तीय रूप से समावेशी भारत बनाने के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है.

कुमार ने कहा, भारत में डिजिटलीकरण बढ़ रहा है और लोगों की वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच हो रही है. इससे उपभोक्ताओं के वित्तीय व्यवहार में बदलाव आया है. अब वे नकद की जगह ई-वॉलेट और यूपीआई को अपना रहे हैं.

ओपन प्लेटफॉर्म बनाया गया

इस कार्यक्रम में केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य, लॉजिस्टिक और अन्य क्षेत्रों के लिए कोविन (CoWin) और यूपीआई जैसे खुले प्लेटफॉर्म बनाने में भरोसा करती हैं. वैष्णव ने कहा कि सार्वजनिक निवेश के जरिये एक खुला प्लेटफॉर्म बनाया गया है, जिससे कई निजी उद्यमी, स्टार्टअप और डेवलपर्स नए समाधान बनाने के लिए जुड़ सकते हैं.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अपनी तरह की पहली पहल, फिनटेक ओपन नियामकों, फिनटेक पेशेवरों और उत्साही, उद्योग के नेताओं, स्टार्ट-अप समुदाय और डेवलपर्स को सहयोग करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और नवाचार करने के लिए एक साथ लाएगा.

इसमें कहा गया है कि फिनटेक ओपन का उद्देश्य फिनटेक उद्योग में एक खुले पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करना और नवाचार और विकास को बढ़ावा देना है.

2023 में आएगा डिजिटल रुपया

भारत की अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) 2023 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है. वर्तमान में उपलब्ध प्राइवेट कंपनी द्वारा संचालित इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट (Electronic Wallets) में से किसी को भी प्रतिबिंबित करेगी.

आरबीआई ने संकेत दिया है कि डिजिटल रुपया अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा. रिजर्व बैंक द्वारा विकसित किया जा रहा डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन निजी कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले मोबाइल वॉलेट की मौजूदा प्रणाली के विपरीत, सभी लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगा.

2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा था, डिजिटल करेंसी एक अधिक कुशल और सस्ती करेंसी प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी. इसलिए, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2022-23 से जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए डिजिटल रुपया पेश करने का प्रस्ताव है. इस सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को नियंत्रित करने वाले सटीक विनियमन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.

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