अधिवक्ता संघ का अनोखा प्रदर्शन रिश्वत लेने के बाद ही आज मैं इस हालात में पहुंचा हूं। भ्रष्टाचार करके ही इस मुकाम पर पर पहुंचा हूं

रायगढ़ : तहसील परिसर से उपजे अधिवक्ता वर्सेस कर्मचारियों का विवाद अब करप्शन की लड़ाई में बदलता जा रहा है। एक ओर जहां अपनी रोज नई-नई मांगों को लेकर कर्मचारी रायगढ़ तहसील कार्यालय में हड़ताल पर है तो वहीं आज अधिवक्ता संघ ने भी तहसील कार्ययल में भष्टाचार के खिलाफ शंखनाद करते हुए अंबेडकर चौक के पास विरोध प्रदर्शन करते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। उनके विरोध प्रदर्शन का तरीका भी काफी अनूठा है जो काफी चर्चा में है। धरना स्थल के सामने 2 पुतले लगाए गए हैं, जिस पर अधिवक्ताओं के द्वारा दो-दो जूते बरसाए जा रहे हैं।

आपको बता दें कि अधिवक्ताओ द्रारा न्यायालय से रैली निकालकर पहुंचे धरना स्थल
जिला न्यायालय में अधिवक्ता संघ के द्वारा कल अहम बैठक रखी गई थी । जिसके बाद अधिवक्ता संघ के द्वारा सैकड़ों की संख्या में अधिवक्तागण राजस्व न्यायालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए निकले। उसके बाद पैदल मार्च करते हुए धरना स्थल अंबेडकर चौक के पास पहुंचे।
अधिवक्ता संघ के द्वारा भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन
इस पूरे मामले में प्रशासन और पुलिस के एकतरफा कार्रवाई से अधिवक्ता संघ में काफी रोष है। उनका कहना है कि तहसील परिसर में अपने साथी अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा के साथ हुए व्यवहार पर प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया बल्कि अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा के खिलाफ चक्रधर नगर थाने में एस्ट्रो सिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। पूरा मामला तहसीलदार और उसके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा अनुचित पैसे की मांग और दुर्व्यवहार को लेकर शुरू हुआ था। जिसका आज भी विरोध जताया जा रहा है। अधिवक्ताओं की प्रमुख मांग

रायगढ़ राजस्व न्यायालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करना है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि तहसील कार्यालय में जन्म प्रमाण पत्र जाति आवास और अन्य किसी भी प्रमाण पत्र के लिए बिना पैसे के कोई काम नहीं होता। तहसील कोर्ट में पैसे लेकर पक्ष में फैसले कर दिए जाते हैं। जिसके लिए आज अधिवक्ता संघ के द्वारा अनिश्चितकालीन धरना की शुरुआत की गई है।

अधिवक्ता सघ के द्रारा अनोखा प्रदर्शन भ्रष्टाचार के दो पुतले बनाकर किया जा रहा है विरोध प्रदर्श
रायगढ़ अधिवक्ता संघ के द्वारा आज धरना स्थल पर दो पुतले रखे गए है। दोनों ही पुतले बड़े खूबसूरत और स्टाइलिश है। एक पुतले पर भ्रष्टाचार के समर्थक लिखा हुआ था, जो पूरी तरह से कपड़ा पहना हुआ है, वही दूसरा पुतला में नंगा भ्रष्टाचार लिखा हुआ था। जिसने फटे पुराने कपड़े पहने है। प्रतीकात्मक रूप से “नंगा भ्रष्टाचार” का पुतला भ्रष्टाचारी का पुतला है जो भ्रष्टाचार के पहले उसकी दशा को बताता है। “भ्रष्टाचार समर्थक” का पुतला भ्रष्टाचार के बाद उसके सूट बूट और ठाट बाट को दर्शाता है। दोनों भ्रष्टाचारी पुतलों पर अधिवक्ताओं के द्वारा बारी बारी से जूते और चप्पल बरसाए गए।
भ्रष्टाचार की तख्ती पर लिखा है पहले मैं भी तुम्हारे जैसा फटा पुराना कपड़ा बिना मोबाइल के बिना गाड़ी या कार के पैदल चलता था लेकिन अब मुझे दे…
वही भ्रष्टाचार समर्थक नाम के पुतले पर लिखा है कि रिश्वत लेने के बाद ही आज मैं इस हालात में पहुंचा हूं। भ्रष्टाचार करके ही इस मुकाम पर पर पहुंचा हूं।

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