अक्टूबर में पेट्रोल-डीजल के दामों में हो सकती है भारी वृद्धि, ये है वजह

कच्चे तेल की सप्लाई में लगातार की जा रही है गिरावट सर्दियों में बढ़ जाती है कच्चे तेल की डिमांड ब्रेंड क्रूड ऑयल की कीमत बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंची

 

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से लोग परेशान हैं।

खबर ये है कि अक्टूबर माह में पेट्रोल डीजल के दामों में भारी वृद्धि हो सकती है, जिसका असर सीधे उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं, जिसका कारण कच्चे तेल की सप्लाई में लगातार गिरावट बताया जा रहा है, जबकि इसकी मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में कच्चे तेल की बढ़ना लाजमी है।

 

एक या दो हफ्तों में तेजी से बढ़ सकते हैं दाम

 

एक प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक ब्रेंड क्रूड ऑयल की कीमत बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई है। जानकारों का अनुमान है कि घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम अगले एक से दो हफ्ते में तेजी से बढ़ सकते है। फिलहाल देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत शतक लगा चुकी है। देश की राजधानी में जहां पेट्रोल 101.19 पैसे प्रति लीटर है तो वहीं, डीजल 88.80 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। उधर, मुंबई में पेट्रोल 107.26 रुपये प्रति लीटर है तो डीजल 96.41 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है।

 

कच्चे तेल की डिमांड है अधिक

 

कच्चे तेल की डिमांड सर्दियों में और भी बढ़ जाती है। कच्चे तेल को रिफाइन करके इससे केवल पेट्रोल-डीजल ही नहीं निकाला जाता बल्कि कई अन्य उत्पाद निर्माण में भी इसका प्रयोग किया जाता हैं। जैसे इससे वैसलीन, गंधहीन और स्वादहीन जेली या अन्य कॉस्मेटिक्स उत्पाद आदि बनाए जाते हैं। वहीं, असफाल्ट, चारकोल, कोलतार या डामर भी कच्चे तेल से मिलता है।

 

ऐसे कम हो सकती हैं पेट्रोल डीजल कीमतें

 

जानकारों का मानना है कि यदि राज्य और केन्द्र सरकार चाहें तो देश में पेट्रोल के दाम बड़ी मात्रा में घट सकते हैं। इसके लिए सरकारों के पास दो विकल्प हैं। इसमें पहला विकल्प तो ये है कि यदि केन्द्र सरकार अपना उत्पाद शुक्ल घटाए और राज्य सरकार अपना वैट कम करे तो दाम घट सकते हैं। दूसरा विकल्प ये है कि सरकार पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाती है तो इसके दाम घट सकते हैं।

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