
आईएसबीएम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय ई मुट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया प्रतियोगिता का विषय घरेलू हिंसा और बेटियों के लिए विरासत में संपत्ति का अधिकार
गरियाबंद भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज
आईएसबीएम, विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय ई – मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन डॉ. मुकेश कुमार राय ने विधिव शुभारंभ का आदेश दिया। आईएसबीएम यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ लॉ ने राष्ट्रीय ई – मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का विषय घरेलू हिंसा और बेटियों के लिए विरासत में संपति का अधिकार था। प्रतियोगिता में डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय,सागर, मध्यप्रदेश, चमनलाल लॉ कॉलेज, रुड़की उत्तराखंड ,और आईएसबीएम विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ के विधि के छात्रों के साथ-साथ अन्य छात्रों ने भाग लिया । श्री अमिय कुमार मिश्रा, अधिवक्ता उच्च न्यायालय, ओडिशा ने निर्णायक के रूप में भाग लिया। प्रतियोगियों में वादी और प्रतिवादी दोनों पक्ष की ओर से मामले को अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया। मूल्यांकनकर्ता की टीम में श्री अमर कुमार मिश्रा डॉ राजेश कुमार , डॉ बी पी भोल, डॉ मुकेश कुमार राय और श्री राजेंद्र प्रसाद शामिल थे। प्रतियोगियों द्वारा कानूनी योग्यता, प्रस्तुति तकनीक,संबंधित न्यायिक घोषणा प्रस्तुत की गई। प्रो. विमला सोना छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय गीत प्रस्तुत किया। प्रो. डॉ. आनंद महलवार कुलपति, आईएसबीएम विश्वविद्यालय, ने प्रतियोगिता का उद्घाटन किया और ई-मूट कोर्ट प्रतियोगिता की उपयोगिता का वर्णन किया। स्कूल ऑफ लॉ के प्रमुख डॉ. मुकेश कुमार राय ने प्रतियोगिता का उद्घाटन की विधिवत घोषणा की एवं मूट कोर्ट के महत्व को बताया। श्री अमिय कुमार मिश्रा, निर्णायक ने विषय की रूपरेखा प्रस्तुत की और कानूनी प्रतिभागियों के आधुनिक रुझानों पर बात की। उन्होंने वादों को तैयार करने के लिए आवश्यक विजन पर बात की। उन्होंने इस प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित करने में विभागों के प्रयासों की सराहना की। नवोदित वकीलों के लिए ऐसी प्रतियोगिता अधिकतम पेशेवर लाख की होगी। डॉ. बी.पी. भोल रजिस्ट्रार, आईएसबीएम, विश्वविद्यालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की विकास थी शैक्षणिक व्यवस्थाओं पर बात की , जिसमें मूट कोर्ट को महत्व दिया जाता है, कानून के छात्रों के कौशल को विकसित करने के लिए विभाग स्तर पर प्रारूपण और दलील कार्यशाला आयोजित की जानी चाहिए। डॉ. एन. कुमार स्वामी, डीन, अनुसंधान एवं विकास ने धन्यवाद ज्ञापित किया। तकनीकी सहायता के रूप में दीपेश निषाद ने सहयोग प्रदान किया।