
बांसुरी भारतीय संस्कृति की पहचान है, समाजसेवी मनोज पटेल
छुरा गरियाबंद
भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज
छुरा- ग्राम पंचायत रानीपरतेवा के श्री गणेशराम पटवा 85 वर्ष जिन्होंने आज भी अपनी कला को बरकरार रखा है। जानकारी होने पर समाजसेवियों ने मिलने पहुंचे।बांसुरी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। बांसुरी एक संगीत उपकरण है, जो हवा के प्रवाह से ध्वनि उत्पन्न करता है। बांसुरी प्राकृतिक का एक अनुपम वरदान है। भगवान श्री कृष्ण को बांसुरी अति प्रिय है, वे इसे हमेशा अपने साथ रखते हैं। घर में जहां देवता बैठे हो वहां एक सुंदर सी बांसुरी ला कर रखना चाहिए। इससे घर के वातावरण में मौजूद समस्त नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करके सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय करने का कार्य करती है। बांसुरी बांस से बनी होती है तथा इसके पौधे ही को दिव्य माना जाता है। छुरा नगर के समाजसेवी मनोज पटेल व रेड क्रॉस संरक्षक सदस्य ,रोशन देवांगन, रेखराम ध्रुव ने कहा कि बॉस अनेकों पूजनीय कार्य में उपयोग होता है।