छत्तीसगढ़न्यूज़

महिला विधायक व संसदीय सचिव शकुंतला साहू पर प्रदेश के तहसीलदारों का फूटा गुस्सा प्रदेश में इनके खिलाफ करेंगे प्रर्दशन:-तहसीलदार नीलमणि दुबे का मामला


आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर(छ.ग.)
रायपुर। महिला विधायक एवम संसदीय सचिव शकुंतला साहू पर तहसीलदारों का जमकर गुस्सा फूटा जो शांत होने का नाम ही नही ले रहा है। तहसीलदारों ने चेतावनी देते हुए एकजुट होकर अब इस महिला विधायक और संसदीय सचिव के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला लिया है।मामला तहसीलदार नीलमणि दुबे के स्थानांतरण रद्द करने को लेकर है,जिसपर 19 अप्रैल को प्रदेश के सभी तहसीलदार विधायक के खिलाफ प्रर्दशन करेंगे।
बलौदाबाजर तहसील के सभी आरआई, पटवारी, कोटवारों ने भी समर्थन देकर काम बंद रखा था:
पूर्व में भी तहसीलदार नीलमणि दुबे के स्थानांतरण को रद्द करने को लेकर बलौदाबाजार जिले के तहसील दफ्तर के सभी कर्मचारियों ने एकजुट होकर सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रर्दशन किया था।इस मामले पर तहसील के सभी पटवारी, आरआई, व कोटवारों ने भी समर्थन देते हुए अपना काम बंद रखा था।
जानिए क्या है पूरा मामला:
बलौदाबाजार के तहसीलदार नीलमणि दुबे, डिप्टी कलेक्टर अंशुल वर्मा, आरआई प्रीतम चंद्राकर ग्राम मुहाने में नदी के कटाव से किसानों की जमीन के क्षरण के मामले में दौरा कर स्थिति का जायजा लेने के लिए निकले थे। वापसी में उन्हें घोटिया से सिरपुर जाने वाले रास्ते में घोटिया मोड़ पर रेत से भरी हुई हाईवा ट्रक दिखाई दी। हाईवा के पिछले हिस्से से नीचे पानी भी टपक रहा था जिससे स्पष्ट हो गया कि इसमें थोड़ी देर पहले ही रेत लोड हुई होगी। तहसीलदार ने जब जाकर हाईवा चालक वेदुराम यादव से रायल्टी पर्ची पूछी तो उसने पर्ची नहीं होने की बात कही। साथ ही संसदीय सचिव शकुंतला साहू के समर्थक का ट्रक होने की बात कही।
तहसीलदार ने रायल्टी पर्ची नहीं होने पर विधिवत कार्यवाही की बात कही और उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने रायल्टी पर्ची नहीं होने की स्थिति में विधिवत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद तहसीलदार ने ट्रक क्रमांक सीजी 22 0293 का पंचनामा बना दिया। घटना बुधवार 29 मार्च दोपहर 2 बजे की है। जिसके बाद तहसीलदार जब तहसील दफ्तर पहुंचे तभी अचानक दोपहर 3 बजे संसदीय सचिव शकुंतला साहू भी तहसील दफ्तर पहुंच गई। उन्होंने तहसीलदार नीलमणि दुबे को अपने समर्थकों की गाड़ियों में कार्य करने व लेकर जमकर फटकार लगाई साथ ही संसदीय सचिव सचिव ने 24 घंटे के अंदर ही तहसीलदार को तबादला करवा देने की धमकी भी दी। जिसके महज 2 घंटे बाद ही सिंगल आदेश निकालकर तहसीलदार को प्रतिनियुक्ति में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रायपुर बुलाया गया।
कार्रवाई से नाराज तहसीलदार व अन्य कर्मचारी:
इधर तबादले से नाराज तहसील दफ्तर के सारे कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए स्थानांतरण का विरोध किया, उनके साथ पलारी तहसील के पटवारी, आरआई और कोटवारों ने भी काम बंद कर उनका समर्थन किया। आंदोलन को अधिवक्ता संघ का भी साथ मिला। सभी ने एक सुर में तबादलें को निरस्त करने की मांग की ।
तहसीलदार के तबादले और तत्काल रिलीविंग के खिलाफ छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ इकाई बलौदा बाजार ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। निंदा प्रस्ताव में कहा गया है कि अवैध रेत परिवहन पर छत्तीसगढ़ गौण खनिज अधिनियम की कार्यवाही की गई थी। जिसके 1 घंटे बाद कसडोल विधायक शकुंतला साहू तहसील दफ्तर पहुंची थी व तहसीलदार को तबादला करवाने की धमकी देते हुए दुर्व्यवहार किया था। अवैध परिवहन पर विधिवत की गई कार्यवाही को भी रोकने के लिए दबाव बनाया गया एवं अवैध माइनिंग को संरक्षण देते हुए 3 घंटे के भीतर ही राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा करवाई करने वाले तहसीलदार का स्थानांतरण मुख्य निर्वाचन पदा कार्यालय रायपुर में किया जाना अनुचित एवं एक कार्यवाही है। इससे समस्त राजस्व विभाग का मनोबल गिरेगा

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