कुड़ेकेला/धरमजयगढ़:- छत्तीसगढ़ राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही अधिकारियों को अपनी मानसिकता बदल लेने की हिदायत बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेताओं के द्वारा दी गई। विभागीय अधिकारियों को दी गई यह चेतावनी बाकायदा अखबारों की सुर्खियां बनीं। शायद नेताओं की ओर से यह छाप छोड़ने की कोशिश की गई कि बीजेपी की नयी सरकार में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लेकिन रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र में इन हिदायतों का सीधा कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। हालात ऐसे हैं कि अधिकारी रहस्यों पर परदा बनाए रखने के लिए सख्त अधिनियम का भी सीधे उल्लंघन करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। यह पूरा मामला रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। जहां भालूपखना गांव के प्रभावित सभी जमीनों पर धनवादा कंपनी के द्वारा जल विद्युत परियोजना से जुड़े कार्यों का क्रियान्वयन किया जा चुका है। इस परियोजना से जुड़े एक मामले की जांच रिपोर्ट को लेकर विभागीय स्तर पर अविश्वसनीय गोपनीयता बरती जा रही है। एक ओर संबंधित जांच अधिकारी कह रहे हैं कि उन्होंने रिपोर्ट मुख्यालय भेज दिया है लेकिन मुख्यालय से मिली अधिकृत जानकारी के मुताबिक अब तक संबंधित जांच रिपोर्ट धरमजयगढ़ हेड ऑफिस में उपलब्ध नहीं है। इस तरह दोनों अधिकारियों के द्वारा दी गई जानकारी एक दूसरे के बिलकुल विपरीत है। इसके अलावा इस मामले में अधिनियम के स्पष्ट प्रावधान का पालन करने में भी कोई रुचि नहीं दिखाई गई। धनवदा कंपनी द्वारा इस परियोजना में भालूपखना गांव के प्रभावित सभी सरकारी व निजी जमीनों पर काम शुरू कर दिया गया है। हल्का पटवारी और गांव के विश्वसनीय सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस प्रोजेक्ट में भालूपखना गांव के सभी प्रभावित जमीनों पर काम शुरू कर दिया गया है। इस प्रकार एक तरफ संबंधित प्रोजेक्ट का काम बेधड़क किया जा रहा है उधर इसी प्रोजेक्ट के एक जांच रिपोर्ट को फिलहाल दबाने के लिए संगठित तौर पर प्रयास किया जा रहा है।
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