आम गलियारों मे चर्चा,क्या सरकार को चपत लगाने मे पटवारी-आरआई का हाथ,उठ रही उंगली, 62 लाख का नुकसान की खबर, आखिर है क्या पूरा मामला


रायगढ़ /पुसौर : मिली जानकारी के अनुसार पुसौर क्षेत्र के अब तक के मामले मे सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला मामला बन गया है आज दिनभर सिर्फ एक ही बात पर चर्चा टिकी रही की क्या लोग अपनी निजी स्वार्थ औऱ चद रूपयों के लालच में जिस कार्य व सरकार से उनकी रोजी-रोटी चलती है उनको भी चूना लगाने में कही पीछे नहीं हो रहे है

मामला पुसौर तहसील के सहदेवपाली स्थित एक राइस मिल का है यहाँ तक की बिलासपुर संभागयुक्त को भी संज्ञान में लेना पड़ा औऱ उसके बाद बिलासपुर संभागायुक्त से जांच के आदेश मिलने के बाद स्थानीय अधिकारी पसोपेश में हैं। कमिश्नर की फाइल भी करीब एक महीने तक एक अधिकारी ने दबाकर रखी थी। लेकिन खुलासा होने के बाद मजबूरन फाइल आगे बढ़ानी पड़ी। बताया जा रहा है कि जांच हुई तो राइस मिल मालिक और कुछ राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध अपराध दर्ज हो सकता है।
व्यापारी को लाभ पहुंचाने के लिए शासन की जेब काट ली गई। रजिस्ट्री में स्टाम्प ड्यूटी कम लगे इसके लिए एक ही खसरा नंबर के करीब सवा एकड़ हिस्से का डायवर्सन निरस्त कर वापस कृषि भूमि कर दिया गया। पुसौर तहसील के सहदेवपाली में पटवारी हल्का नंबर 41 खसरा नंबर 29/1 रकबा 2.771 हे. में सरस्वती राइस मिल स्थापित की गई थी। इसके पूर्व 1993 में पूरी भूमि का व्यावसायिक डायवर्सन कराया गया था। स्वामी रामकुमार पिता नरसिंहदास ने 22-23 में आवेदन लगाया कि 2.771 हे. में से 1.901 में ही मिल लगी है। उन्होंने बाकी 0.870 हे. भूमि को पुन: व्यावसायिक/औद्योगिक से कृषि भूमि में डायवर्सन करने आवेदन लगाया। दरअसल उनकी मंशा जमीन को बेचने की थी इसलिए पहले डायवर्सन निरस्त करवाया। नियम विरुद्ध डायवर्सन को खारिज किया गया। व्यवसायी रामकुमार के आवेदन पर 0.870 हे. का डायवर्सन व्यावसायिक से कृषि कर दिया गया जबकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। पटवारी ने रिकॉर्ड दुरुस्त कर नया खसरा नंबर 29/4 रकबा 0.870 हे. सृजित किया गया। इसके बाद जमीन प्रभाकर सिंघानिया पिता शंकर लाल सिंघानिया निवासी फ्रेंड्स कॉलोनी रायगढ़ को बेच दी गई। 18 अगस्त 2023 को रजिस्ट्री हुई। जांच के आदेश होने के बाद फाइल रोककर रखी गई थी। कमिश्नर ने कलेक्टर को इसकी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। यह मामला बेहद गंभीर है।
चार करोड़ की जमीन हो गई 60 लाख की
इससे व्यवसायी को लाखों का फायदा हुआ लेकिन सरकार की जेब कट गई। डायवर्टेड भूमि की गाइडलाइन दर सहदेवपाली में रोड से 20 मीटर दूर के हिसाब से 4340 रुपए प्रति वर्ग मीटर है। 0.870 हे. मतलब 8700 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का 3,77,58,000 रुपए होगा। इसकी ढाई गुना राशि पर 6.6 प्रश स्टाम्प ड्यूटी व अन्य कर 62.30 लाख रुपए होगी। अगर जमीन सहदेवपाली के अंदर मानी जाए तो दर 2590 रुपए प्रति वर्ग मीटर होगी। इस हिसाब से भूमि की वैल्यु 2,25,33,000 रुपए होती है। इसका ढाई गुना करके 6.6 प्रश स्टाम्प ड्यूटी व अन्य कर 37.18 लाख रुपए होगा। लेकिन रजिस्ट्री में कृषि भूमि के हिसाब से वैल्यु ही 27,66,400 रुपए प्रति हे. के हिसाब से आकलित की गई। इस वजह से जमीन की कीमत 24.07 लाख निकाली गई। हालांकि विक्रय प्रतिफल 60 लाख रुपए दर्शाया गया है, जिसके आधार पर 3,96,100 रुपए स्टाम्प ड्यूटी व अन्य कर दिए गए। जहां सरकारी खजाने को 62 लाख मिलते, वहां मात्र चार लाख रुपए मिले। पहले राइस मिल रामकुमार पिता नरसिंहदास के नाम पर थी लेकिन अब इस पर उनके पुत्र प्रवीण, संजय, संदीप बंसल समेत पौत्र प्रखर, अनमोल, मयंक, वैभव, दिव्यांश और रश्मि बंसल का नाम चढ़ाया जा चुका है।

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