छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम: सरकारी कर्मचारियों पर शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और क्रिप्टो निवेश पर रोक

भ्रष्टाचार पर कड़ी नकेल, नियम उल्लंघन पर विभागीय कार्रवाई से लेकर निलंबन और सजा तक का प्रावधान

अब नहीं कर सकेंगे निजी ट्रेडिंग

छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य के पांच लाख से अधिक सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अब शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने 30 जून को इसके लिए औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है।


नियम तोड़ने पर सख्त सजा

GAD सचिव रजत कुमार द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में ट्रेडिंग करता है—विशेषकर इंट्रा-डे ट्रेडिंग, बीटीएसटी (BTST), या फ्यूचर एंड ऑप्शन डीलिंग—तो उसे “दुराचार” की श्रेणी में माना जाएगा। यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियमों के अंतर्गत गंभीर उल्लंघन होगा।


भ्रष्टाचार की श्रेणी में आएगा यह निवेश

नए नियमों के अनुसार, इस तरह का निवेश सेवा नियम-19 के अंतर्गत भ्रष्टाचार की श्रेणी में आएगा। इसका मतलब है कि दोषी पाए जाने पर उस अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच, निलंबन, वेतन कटौती या यहां तक कि कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।


क्यों उठाया गया यह सख्त कदम?

सूत्रों के अनुसार, हाल ही में कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा व्यक्तिगत निवेश करने, और कुछ मामलों में उपहार के रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स या निवेश प्रमाण पत्र स्वीकार करने की शिकायतें सामने आई थीं। जांच के दौरान कुछ मामलों में गिरफ्तारी तक हुई। इसे नैतिकता, पारदर्शिता और सरकारी सेवा की मर्यादा के उल्लंघन के रूप में देखते हुए सरकार ने यह कठोर निर्णय लिया है।


छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा आदेश

यह आदेश छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में पहली बार इतने बड़े स्तर पर सामने आया है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के निजी निवेश को भी सेवा नियमों के अंतर्गत लाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को नया आयाम मिलेगा।

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