
प्रेस-विज्ञप्ति
10 सूत्रीय मांगों को लेकर 20 वर्षों से कर रही है इंतजार
18 अगस्त से जिले के एन.एच.एम. कर्मचारी रहेंगे अनिश्चित-कालीन हड़ताल पर
आपातकालीन सेवा में कार्य कर रहें, समस्त कर्मचारी होंगे शामिल, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी बाधित
155 बार से ऊपर राज्य में मुख्यमंत्री-स्वास्थ्य मंत्री-वित्त मंत्री को ज्ञापन-निवेदन कर चुके हैरायगढ़ जिले के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) के कर्मचारी, विशेष रूप से हमारी मेहनती बहनें, एक बार फिर अपनी 20 वर्षों से लंबित मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। ये कर्मचारी, जो स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं, अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ‘‘मोदी की गारंटी‘‘ की याद दिला रहे हैं। 155 से अधिक बार ज्ञापन और निवेदन सौंपने के बावजूद, उनकी आवाज अनसुनी रही है। अब, 18 अगस्त 2025 से, ये कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार हैं।
क्या है इनकी मांगे?
20 वर्षों से ये कर्मचारी न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रखने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, बल्कि अपनी जायज मांगों के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। इनकी मांगें हैंः
- संविलियन/स्थायीकरणः क्या इतने वर्षों की निष्ठा और सेवा के बाद स्थायी नौकरी इनका हक नहीं?
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापनाः स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए एक समर्पित कैडर क्यों नहीं बनाया गया?
- ग्रेड-पे निर्धारणः क्या मेहनत का उचित सम्मान और वेतनमान इनका अधिकार नहीं?
- कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिताः क्या इनके कार्य की निष्पक्ष समीक्षा नहीं होनी चाहिए?
- लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धिः आखिर कब तक इन्हें अपने हक के लिए इंतजार करना होगा?
- नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षणः क्या इनके अनुभव को प्राथमिकता नहीं मिलनी चाहिए?
- अनुकम्पा नियुक्तिः क्या इनके परिवारों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी नहीं?
- मेडिकल एवं अन्य अवकाश सुविधाः क्या स्वास्थ्य सेवकों को खुद की सेहत के लिए अवकाश का हक नहीं?
- स्थानांतरण नीतिः क्या एक पारदर्शी और निष्पक्ष स्थानांतरण नीति लागू नहीं होनी चाहिए?
- न्यूनतम 10 लाख की कैशलैस सुविधाः क्या इनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए यह न्यूनतम जरूरत पूरी नहीं होनी चाहिए?
भावनात्मक अपील
ये कर्मचारी, जिनमें अधिकांश हमारी बहनें हैं, न केवल अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रही हैं, बल्कि समाज की सेवा में भी अपनी जान जोखिम में डाल रही हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान इन्होंने बिना डर के फ्रंटलाइन पर काम किया, फिर भी इन्हें वह सम्मान और अधिकार नहीं मिला, जिसके वे हकदार हैं। क्या 20 वर्षों की सेवा और 155 बार की गुहार के बाद भी सरकार उनकी आवाज सुनेगी?
सरकार से सवाल

- आखिर क्यों सरकार इन कर्मचारियों की मांगों को बार-बार अनदेखा कर रही है?
- क्या ‘‘मोदी की गारंटी‘‘ में इन स्वास्थ्य योद्धाओं की सुरक्षा और सम्मान शामिल नहीं है?
- 20 वर्षों से अनिश्चितता के साये में जी रहे इन कर्मचारियों को स्थायी नौकरी का हक कब मिलेगा?
- क्या सरकार इनके परिवारों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी?
- क्या इनके बलिदान और मेहनत का मूल्य केवल ज्ञापन और आश्वासनों तक सीमित रहेगा?
हड़ताल की घोषणा
जब तक इनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, जिले के एन.एच.एम. कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की उदासीनता ने उन्हें यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया है।
हमारी अपील
हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि इन कर्मचारियों की मांगों पर तुरंत ध्यान दे और उनके साथ संवाद स्थापित करे। साथ ही, जनता से भी अपील है कि वे इन स्वास्थ्य योद्धाओं के संघर्ष को समझें और उनका समर्थन करें। आइए, इनके हक की लड़ाई में उनकी आवाज बनें।