
रायगढ़। जिले के पुसौर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम कोतमरा के ग्रामीणों ने रविवार को एक निजी कंपनी द्वारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर को सौंपा।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूमि अर्जन का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें ग्राम कोतमरा की लगभग 116.344 हेक्टेयर कृषि भूमि शामिल है। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि वे अपनी जमीन किसी भी उद्योग या कंपनी को नहीं देना चाहते, क्योंकि यह जमीन उनके पूर्वजों से मिली हुई पैतृक संपत्ति है और कृषि ही उनका मुख्य आजीविका स्रोत है।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रस्तावित भूमि सिंचित और दो फसली है, जिससे सैकड़ों किसानों की रोजी-रोटी जुड़ी है। भूमि अधिग्रहण होने पर वे भूमिहीन और बेरोजगार हो जाएंगे। इस संबंध में दो बार ग्रामसभा आयोजित कर सर्वसम्मति से जमीन नहीं देने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि प्रस्तावित भूमि के आस-पास कई महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल हैं—जैसे ग्राम पंचायत भवन, शासकीय राशन दुकान, सेवा सहकारी समिति मार्ग, और पूर्व माध्यमिक शाला सेलगा। इसके अलावा, क्षेत्र में मौजूद डोंगिया और बेहरा डभरी तालाब मत्स्य पालन का प्रमुख स्रोत हैं, जिनसे चार परिवारों की जीविका चलती है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि टार तालाब से सिंचित होती है, जो गांव की कृषि व्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि यह भूमि अधिग्रहित की जाती है, तो गांव की जल निकासी और सिंचाई व्यवस्था पर भी गंभीर असर पड़ेगा।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन 15 दिनों के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता, तो ग्रामीण आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में भी कलेक्टर और एसडीएम को आवेदन सौंपा गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।