वास्तु के इन आसान उपायों से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा रखेगी आपके घर में कदम….जानिए

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जाएं घर पर प्रवेश करती रहती हैं। सकारात्मक ऊर्जा से जहां एक तरफ हर पर सुख- शांति और परिवार के सदस्यों के बीच आपसी तालमेल अच्छा रहता है, तो वहीं घर पर नकारात्मक ऊर्जा होने से घर में बीमारी, आर्थिक परेशानी और मनमुटाव बढ़ाने लगता है। इसके आलावा मेहनत करने पर भी अनुकूल परिणाम नहीं प्राप्त होता। वास्तुशास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं जिसे अपनाकर आने वाली परेशानियों को दूर कर घर पर सुख-समृद्धि और सपन्नता लाई जा सकती है।

कभी भी शयनकक्ष में देवी- देवताओं या पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने चाहिए। देवी-देवताओं और महापुरुषों के चित्र लगाने हमें शान्ति और प्रेरणा मिलती रहती है। इनके चित्र दक्षिण-पश्चिम में लगाना अच्छा होता है।

यह ध्यान रहे भी कभी सोते समय पैर दरवाजे की तरफ न रहें। शयनकक्ष में बेड का सिरहाना पूर्व अथवा दक्षिण दिशा में होना चाहिए। जिन घरों में शयनकक्ष में सामने की ओर दरवाजा होता है वहां रोग अथवा क्लेश रहता है।

कभी भी भोजन करते समय आपका मुंह दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके भोजन करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।

शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान गणेश हर विपदा को हर लेते हैं इसलिए घर के मुख्य द्वार पर सफेद रंग के गणेशजी की प्रतिमा लगा दी जाए तो अतिशुभ होता है। सुख-समृद्धि के लिए सफेद रंग के पत्थर की और बाधा निवारण के लिए काले रंग के पत्थर की गणेशजी की प्रतिमा लगानी चाहिए।

छत पर पानी की टंकी को पश्चिम अथवा भवन के नैऋत्य कोण के क्षेत्र में रखें। आर्थिक हानि से बचने के लिए छत पर रखी हुई पानी की टंकी कभी भी ओवर फ्लो या टपकनी नहीं चाहिए। घर, बाथरूम और रसोई के पानी की निकासी के पाइप का मुहं उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व में होना वास्तु सम्मत माना गया है।

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