वर्तमान में जिले के सिंचाई जलाशयों में औसत रूप से 68 प्रतिशत जलभराव, जलभराव बेहतर होने से किसानों को खेती-किसानी करने में हो रही है आसानी

जशपुरनगर 20 सितम्बर 2021/जिले में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निर्मित किए गए जलाशयों, तालाबोें, डबरी, डेम इत्यादि में विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जलभराव की स्थिति बेहतर हैै। 15 सितंबर 2021 की में जिले के 18 जलाशयों में उपयोगी मात्रा का 68 प्रतिशत जल भराव बना हुआ है। जलाशयों में पानी भरे होने से जिले में गर्मी के दिनों में की जाने वाली जलापूर्ति और सिंचाई को लेकर प्रशासन की चिंता दूर हुई है। इन जलाशयों से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी देने के साथ ही गर्मी में निस्तारी के लिए तालाबों को भी भरा जाता है। जिले में जलभराव बेहतर होने से किसानों को खेती-किसानी करने में आसानी हो रही है।
कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग ने बताया कि इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में जिले के सभी जलाशयों में जल भराव का स्तर बहुत अच्छा बना हुआ है। जिले के 18 जलाशयों की कुल जल संग्रहण क्षमता 2293.951 मिलियन घन फुट है। जिसका कुल उपयोगी क्षमता 2064.939 मिलियन घन फुट है। वर्तमान में इन सभी जलाशयों में संग्रहित कुल जल मात्रा 1623.652 मिलियन घन फुट में उपयोगी जल मात्रा 1402.040 मिलियन घन फुट है। वर्तमान में विकासखंड जशपुर के नीमगांव तालाब में 85 प्रतिशत जल भराव बना हुआ है। इसी प्रकार विकासखंड मनोरा के सोगड़ा तालाब में 50 प्रतिशत, सरडीह तालाब में 95 प्रतिशत, डड़गांव तालाब में 50 प्रतिशत जल भराव हैै। विकासखंड फरसाबहार के लवाकेरा तालाब में 60 प्रतिशत, कोनपारा तालाब में 80 प्रतिशत, अंकिरा तालाब में 100 प्रतिशत जल भराव, कांसाबेल के साजापानी तालाब में 100 प्रतिशत, राजामुण्डा तालाब में 100 प्रतिशत जल भराव, पत्थलगांव के केराकछार में 100 प्रतिशत, तमता जलाशय में 97 प्रतिशत, खमगढ़ा जलाशय में 95 प्रतिशत, गेर्रानाला जलाशय में 60 प्रतिशत, बालाझर जलाशय में 76 प्रतिशत, घरजियाबथान जलाशय में 35 प्रतिशत एवं खरकट्टा जलाशय में 100 प्रतिशत जल भराव, विकासखंड कुनकुरी के बेलसुंगा तालाब में 73 प्रतिशत बल्जोरा तालाब में 95 प्रतिशत जल भराव की स्थिति हैै।
 इन जलाशयों से किसानों की मांग पर आवश्यकतानुसार नहरों में पानी भी छोड़ा जा रहा है जिससे किसानों को कृषि एवं निस्तारी के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में मिल सके। ग्रामीण किसानों द्वारा इन जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होने से अपने खेतों में दोहरी फसल के साथ ही मौसमी सब्जी की खेती कर अपने आय में वृद्धि कर रहे है।

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