छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में भालू के हमले ने दहशत फैला दी। भानुप्रतापपुर क्षेत्र के डोंगरकट्टा गांव के जंगल में लकड़ी लेने गए पिता-पुत्र की जान चली गई। हमले में दो अन्य ग्रामीण और वन विभाग के डिप्टी रेंजर गंभीर रूप से घायल हो गए।
भालू ने अचानक किया हमला
घटना तब हुई जब शंकरलाल दर्रो और उनके बेटे सुकलाल दर्रो लकड़ी लेने जंगल गए थे। उनके साथ अज्जू कुमार कोरेटी और अन्य ग्रामीण भी मौजूद थे। अचानक भालू ने हमला कर दिया। शंकरलाल और सुकलाल को बचने का मौका तक नहीं मिला और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हमले में अज्जू कुमार कोरेटी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शव लेने पहुंची टीम पर दोबारा हमला
मृतकों के शव लेने जब वन विभाग की टीम जंगल में पहुंची, तो भालू ने दोबारा हमला कर दिया। इस हमले में डिप्टी रेंजर नारायण यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। टीम को भालू की आक्रामकता के कारण शव निकालने में मुश्किलें आईं।
निगरानी में जुटा वन विभाग
वन विभाग के कर्मचारी विकास कुमार ने बताया कि वे मुनारा के पास घटना के समय मौजूद थे और खुद भी भालू के हमले का शिकार हो सकते थे। विभाग ने क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है और लगातार निगरानी कर रहा है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इलाके में दहशत का माहौल
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में भालू के खतरे को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की है। घटना के सीसीटीवी फुटेज और क्षेत्रीय जांच के आधार पर विभाग ने घटना को गंभीरता से लिया है।