गरियाबंद में सुरक्षाबलों की ऐतिहासिक जीत : 5.22 करोड़ के इनामी 10 नक्सली मारे गए, माओवादी संगठन को गहरा झटका

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ का गरियाबंद जिला नक्सल उन्मूलन अभियान में एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बना। जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत राजाडेरा-मटाल की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच चली दो दिन लंबी भीषण मुठभेड़ में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस कार्रवाई में सीपीआई (माओवादी) के 10 बड़े नक्सली ढेर कर दिए गए, जिन पर कुल 5.22 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। मारे गए नक्सलियों में सेंट्रल कमेटी और ओडिशा स्टेट कमेटी के शीर्ष स्तर के सदस्य शामिल हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह नक्सल संगठन की रीढ़ तोड़ देने वाली घटना है। इस घटना के संबंध में आज संध्या प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल विरोधी अभियान) विवेकानंद सिन्हा, IG रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक गरियाबंद निखिल राखेजा संबोधित किया।

दो दिन तक सुरक्षा बल और माओवादी के बीच गूंजती रही गोलियां

सूत्रों के अनुसार, गरियाबंद पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा डिवीजन के नक्सली राजाडेरा-मटाल पहाड़ियों में बड़ी संख्या में छिपे हुए हैं। इसके बाद गरियाबंद पुलिस की ई-30 यूनिट, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (CAF) और COBRA-207 की संयुक्त टीम 10 सितंबर को अभियान पर निकली।

11 सितंबर की सुबह लगभग 6 बजे सुरक्षाबलों को घेरने के इरादे से नक्सलियों ने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की। पहाड़ियों और घने जंगलों से लगातार गोलियों की आवाजें गूंजती रहीं। लगभग 26 घंटे तक दोनों ओर से रुक-रुक कर गोलाबारी होती रही। 12 सितंबर की सुबह 8 बजे तक चली इस भीषण मुठभेड़ ने साबित कर दिया कि सुरक्षाबल किसी भी चुनौती से पीछे हटने वाले नहीं हैं।

अदम्य साहस और धैर्य का परिचय

लगातार दो दिन तक चली इस मुठभेड़ ने जवानों की धैर्यशीलता और अदम्य साहस को उजागर किया। नक्सली छिपकर घात लगाकर हमला करते रहे, लेकिन जवानों ने अपने ठिकानों को मजबूती से थामे रखा। इस दौरान पहाड़ी की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और घने जंगलों के बावजूद सुरक्षाबलों ने जबर्दस्त संयम दिखाया और एक-एक कदम रणनीतिक बढ़त हासिल की।

10 नक्सली ढेर, हथियारों का जखीरा बरामद

मुठभेड़ स्थल पर की गई तलाशी में सुरक्षाबलों को 06 पुरुष और 04 महिला नक्सलियों के शव मिले। इसके साथ ही एके-47, इंसास, SLR जैसे आधुनिक हथियार और भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की गई। यह न केवल सुरक्षाबलों की जीत का सबूत है बल्कि यह भी दर्शाता है कि नक्सली किस हद तक आधुनिक हथियारों से लैस थे।

मारे गए नक्सलियों की सूची

  1. मनोज उर्फ मोडेम बालाकृष्णन उर्फ भास्कर पिता वैकेटय्या (सेंट्रल कमेटी सदस्य)
  2. प्रमोद उर्फ पांडू उर्फ अलवाल चंद्रहास उर्फ पंडरन्ना उर्फ चंद्रनना उर्फ वासु उर्फ प्रेमदादा पिता शेलू (ओडिशा राज्य कमेटी सदस्य)
  3. विमल उर्फ मंगन्ना उर्फ सुरेश उर्फ जैदी वेंकटी पत्नि उषा (ओडिशा राज्य कमेटी सदस्य / टेक्निकल प्रभारी)
  4. समीर (कंपनी-06 सदस्य)
  5. रजीता पति डमरू (PPCM)
  6. वनीला (PM)
  7. सीमा उर्फ भीमे (SDK ACM)
  8. विक्रम पत्नि नंदे उर्फ मंजु उर्फ रीना (ACM)
  9. उमेश पिता सुकनू (SDK AC-डिप्टी कमांडर)
  10. बिमला (BBM डिवीजन PM)

माओवादी संगठन को करारा झटका

मारे गए नक्सलियों में संगठन के शीर्ष स्तर के नेता और तकनीकी प्रभारी शामिल हैं। इनमें से कई लंबे समय से पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के लिए सिरदर्द बने हुए थे। नक्सल मोर्चे पर यह घटना माओवादी संगठन के लिए करारा झटका है, खासकर ओडिशा स्टेट कमेटी और सेंट्रल कमेटी के सक्रिय नेताओं के मारे जाने से संगठन की रणनीतिक ताकत कमजोर पड़ जाएगी। सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि अब इस इलाके में नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

जवानों की वीरता को मिली सराहना

इस अभियान की सफलता का श्रेय गरियाबंद पुलिस, ई-30 यूनिट, STF, CAF और COBRA-207 की संयुक्त कार्रवाई को जाता है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जवानों की वीरता की सराहना करते हुए इसे नक्सल उन्मूलन अभियान की ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।

गरियाबंद जिले में हुई यह मुठभेड़ न केवल जिले के लिए बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और पड़ोसी ओडिशा में सक्रिय नक्सली तंत्र के लिए करारा झटका है। अब यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में नक्सलियों का नेटवर्क और भी कमजोर होगा और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में यह घटना एक मील का पत्थर साबित होगी।

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