सड़क दुर्घटना में शिक्षक धर्मेंद्र त्रिपाठी की मौत, नगर में शोक की लहर,,,, वहीं कानूनी जानकारों का कहना है कि यातायात कानून कड़े करने की जरूरत,,,

सक्ती। सड़क हादसे लगातार बढ़ रहें है और इसके लिए बड़ी गाड़ियों की जिम्मेदारी काफी हद तक दिखाई पड़ती है, ऐसा ही एक मामला सक्ती निवासी शिक्षक धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी के साथ भी हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार धर्मेंद्र त्रिपाठी स्कूल से अपने घर सक्ती आ रहे थे तभी अज्ञात वाहन की चपेट में आ गए जिससे दुर्घटना स्थल जेठा के पास ही उनकी मृत्यु हो गई। श्री त्रिपाठी की दुर्घटना में मौत की खबर से नगर में शोक की लहर है। धर्मेंद्र त्रिपाठी पंजाब नेशनल बैंक के सामने रहते हैं। जैसे ही लोगो दुर्घटना की जानकारी मिली लोग शोकाकुल परिवार के घर पहुंचने लगे।

सड़क दुर्घटना काफी बढ़ रही है वही लगातार बड़ी बड़ी गाड़ियां अनियंत्रित रफ्तार से चल रही है यही कारण है कि दुर्घटना में लोग अपनी जान गंवा रहें है। कानून के जानकारों की मानें तो जब तक दुर्घटना को लेकर कानूनी कड़े प्रावधान नहीं बनेंगे तब तक दुर्घटनाओं में कमीं नहीं आएगी। अक्सर यह भी देखने को मिलता है कि दोपहिया वाहन भी अनियंत्रित रफ्तार से सड़क पर दौड़ते हैं और सामने से भी बड़ी गाड़ियां काफी रफ्तार में रहती है जब तक समझ आए दुर्घटना घट चुकी होती है। ऐसे में कानूनी कड़े प्रावधान की आवश्यकता है ताकि लोगों को कानूनी कार्रवाई का भय रहे और दैत्य नुमा बड़े वाहनों के चालक भी नियंत्रण में वाहन चलाएं। लगातार बढ़ते सड़क दुर्घटना से कहीं ना कहीं समाज में डर का माहौल व्याप्त है, लेकिन यातायात नियम के कमजोर होने के कारण कार्रवाई नहीं के बराबर होने से बड़े वाहन चालकों में डर नहीं है। अधिकांश यह भी देखने को मिला है कि हाइवा जैसे और उससे भी बड़े वाहनों को अपने गंतव्य स्थान में पहुंचने की काफी जल्दी होती है क्योंकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा ट्रिप मारना रहता है और इसी कारण चालक तेज रफ्तार के साथ साथ लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हैं और दुर्घटना घटती है। दुर्घटना में जिस किसी की मौत होती है उसके परिजनों के दुःख और मृतक की पूर्ति कभी पूरी नहीं हो पाती है ऐसे में यातायात नियम अगर कड़े और प्रभावी होंगे तो दुर्घटनाओं में काफी हद तक अंकुश लग सकेगा।

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