
IND vs SA 2nd ODI: टीम इंडिया के सामने सीरीज गंवाने का खतरा, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरा वनडे आज
पहले मैच में हार से आहत भारतीय टीम को अगर तीन मैचों की वनडे सीरीज में अपनी उम्मीदें कायम रखनी है, तो उसके बल्लेबाजों को आज होने वाले दूसरे वनडे में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। इस मैच में केएल राहुल की कप्तानी की भी परख होगी। राहुल पहले मैच में कप्तान के रूप में नाकाम रहे और अब जबकि उन्हें टेस्ट कप्तानी के दावेदारों में शामिल किया जा रहा है, तब इस सीरीज में उनके लिए काफी कुछ दांव पर लगा होगा।
मध्यक्रम का प्रदर्शन चिंता का सबब
भारतीय बल्लेबाजों ने भी पहले मैच में निराशाजनक प्रदर्शन किया जिससे टीम को 31 रन से हार का सामना करना पड़ा। जब विराट कोहली कप्तान थे तभी से मध्यक्रम का प्रदर्शन भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इसका समाधान अभी तक नहीं खोजा जा सका है। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने अर्द्धशतक जमाकर अच्छी वापसी की। उन्होंने कोहली के साथ मिलकर भारत की उम्मीद जगाई, लेकिन यह साझेदारी टूटते ही धीमी पिच पर भारतीय मध्यक्रम बिखर गया।
रणनीति में दिखी कमजोरी
दक्षिण अफ्रीका कौशल और रणनीति दोनों मामलों में भारत से अव्वल रहा। सबसे अहम सवाल यह है कि अगर वेंकटेश अय्यर से गेंदबाजी नहीं करवानी थी तो वह टीम में क्या कर रहे थे। जब युजवेंद्र चहल और शार्दुल ठाकुर पर रॉसी वान डर डुसेन और तेम्बा बावुमा हावी होकर खेल रहे थे, तब वेंकटेश का उपयोग छठे गेंदबाज के रूप में क्यों नहीं किया गया। यदि वेंकटेश नंबर छह पर एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेल रहे हैं तो सूर्यकुमार यादव को अंतिम एकादश में क्यों न शामिल किया जाए, जो अनुभवी हैं और दबाव में बेहतर बल्लेबाजी करते हैं।
श्रेयस और सूर्यकुमार में होड़
श्रेयस अय्यर का शॉर्टपिच गेंदों के खिलाफ संघर्ष जारी रहा। उन्हें समझना चाहिए कि भारतीय एकादश में जगह बनाना आसान नहीं हैं और इस तरह से मौका नहीं गंवाया जा सकता है। इस पिच पर स्ट्राइक रोटेट करना जरूरी है। ऐसे में ऋषभ पंत और अय्यर की भूमिका अहम होगी। श्रेयस और सूर्यकुमार के बीच चयन की होड़ रहेगी।
गेंदबाजों ने किया निराश
राहुल ने गेंदबाजी में भी ऐसे बदलाव नहीं किए जिससे लगे कि वह रणनीतिक रूप से कुशल हैं। इसके विपरीत दक्षिण अफ्रीका ने एडेन मार्कराम से गेंदबाजी की शुरुआत कराई और वह भारतीय कप्तान को आउट करने में सफल रहे। इसके बाद जब भारत बल्लेबाजी कर रहा था तो धवन और कोहली के आउट होने के बाद उसकी हार सुनिश्चित हो गई थी। अचानक ही जो पिच बल्लेबाजी के लिए आसान दिख रही थी वह मुश्किल बन गई।
लगाना होगा रनों पर अंकुश
शार्दुल ठाकुर ने ऐसे समय में अर्द्धशतक जमाया जब भारत की हार तय हो गई थी और किसी तरह का दबाव नहीं था। उनका आकलन हालांकि गेंदबाजी से किया जाएगा जो उनका मुख्य काम है। गेंदबाजी में ठाकुर नाकाम रहे। उन्होंने 10 ओवर 72 रन लुटाए जिससे टीम को नुकसान हुआ। भुवनेश्वर कुमार ने भी वापसी पर निराश किया।
भारतीय स्पिनर्स रविचंद्रन अश्विन और चहल को अगले मैच में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है। अब दोनों मैचों में राहुल की कप्तानी पर सबकी नजर रहेगी। सीमित ओवरों की तुलना में टेस्ट कप्तानी अधिक चुनौतीपूर्ण होती है और इन मैचों का प्रदर्शन राहुल की दावेदारी के खिलाफ जा सकता है।
भारतीय स्पिनर्स रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल ने पिछले टेस्ट में 20 ओवरों में 106 रन दिए थे। वहीं, दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीकी स्पिनरों ने शानदार गेंदबाजी की थी। केशव महाराज ने घरेलू मैदान पर 16 वनडे खेले हैं। इनमें से चार में वह तबरेज शम्सी के साथ जोड़ी के रूप में उतरे हैं।
टीम इस प्रकार हैं :
भारत: केएल राहुल (कप्तान), जसप्रीत बुमराह, शिखर धवन, ऋतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, वेंकटेश अय्यर, ऋ षभ पंत (विकेटकीपर), युजवेंद्र चहल, आर अश्विन , भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, प्रसिद्ध कृष्णा, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, इशान किशन जयंत यादव, नवदीप सैनी।
दक्षिण अफ्रीका: तेंबा बावुमा (कप्तान), केशव महाराज, क्विंटन डि कॉक (विकेटकीपर), जुबैर हमजा, मार्को जानसेन, जानेमन मलान, सिसांडा मगला, एडेन मार्कराम, डेविड मिलर, लुंगी नगिदी, वायने पर्नेल, एंडिले फेलुकवायो, ड्वेन प्रिटोरियस, तबरेज़ शम्सी, रॉसी वान डर डुसेन, काइल वेरेने।