
भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज
गरियाबंद। व्यापारियों द्वारा पिछले वर्ष कोरोना कॉल मे 5 रुपय एक डिब्बा गुड़ाखू ₹100 तक में भेजा गया था। वही कोरोना की तीसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के चलते छत्तीसगढ़ अन्य जिलों की तरह गरियाबंद जिला में भी 144 धारा लागू होते ही इसका असर एक बार फिर दिखने लगा। घोषणा के बाद से इन सामानों की कालाबाजारी शुरू हो गई है। इसकी वजह से इसके दाम बढ़ने शुरू हो गए हैं 2 दिनों में ही गुड़ाखू के दाम आसमान पर पहुंच गया है। अचानक होने के बाद ये खाने का तेल ₹2100रू पहुंचा महंगाई की मार से जनता को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। पेट्रोल डीजल की साथ-साथ खाद्य तेल की महंगाई भी लोगों को सता रही है जमाखोरी के साथी ही खाने का तेल जो1750रू मिलता था वही तेल संपूर्ण लॉकडाउन की संभावना को देखते हुए छुरा के व्यापारियों द्वारा 2100 रुपए की दर से बेचा जहां है। अगर ग्राहक उनसे मूल्य वृद्धि का कारण पूछते हैं तो दुकानदार खाने का तेल नहीं होने के बहाना बता रहे हैं

सभी सामान लोगों को आसानी से मिल रहा था लेकिन पिछले 3 दिनों से उक्त सामान दुकानदारों को छिपाकर बेचना पड़ रहा है। वहीं अधिकारियों ने लोगों से की अपील की है की वे नशे की लत को त्यागें ताकि दुकानदार भी उन्हें कोई चीज ब्लैक में ना भेज सके। अगर कोई ब्लैक में बेच रहा है और इस पर शिकायत आती है तो करने की कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में नीलेश क्षीर सागर कलेक्टर गरियाबंद से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि अगर व्यापारियों द्वारा144 के बाद खाद्यान्न और दैनिक उपयोग की सामग्रियों का मूल्य बढ़ाकर बेचा जा रहा है तो जिले के सभी कस्बो मेंमैं खुद पता लग जाता हूं और जमाखोरी शुरू कर दी गई है तो कठोर कार्यवाही की जाएगी