
‘कालीचरण’ पर कलह! कालीचरण पर कार्रवाई को तूल देकर नया मोर्चा खोलने की तैयारी?
रायपुर: राजधानी के धर्म संसद में महात्मा गांधी पर अपशब्द टिप्पणी करने वाले कथित संत कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया। केस दर्ज होने के 4 दिन बाद रायपुर पुलिस ने एमपी के खजुराहो से कालीचरण को पकड़ा। लेकिन इस कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सरकारें आमने-सामने है। दिनभर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा, फिर देर शाम कालीचरण की जिला कोर्ट में पेश हुई। अब कालीचरण को जेल भेजा जाएगा।
महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी पर सियासत शुरू हो गयी है। गुरुवार तड़के 4 बजे रायपुर पुलिस ने एमपी के खजुराहो के एक लॉज में कालीचरण को गिरफ्तार किया, जिसे लेकर छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सरकारें आमने-सामने आ गए हैं। रायपुर पुलिस की कार्रवाई पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सवाल उठाते हुए पूरे प्रकरण को संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। हालांकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नरोत्तम मिश्रा के आरोपों का खंडन किया। साथ ही तंज कसते हुए सवाल पछा कि कालीचरण की गिरफ्तारी से नरोत्तम मिश्रा खुश है या निराश? वे पहले इसका जवाब दें।
कालीचरण की गिरफ्तारी को लेकर एक ओर दोनों राज्यों की सरकारें एक दूसरे को घेरते नजर आई, तो दूसरी ओर रायपुर से लेकर भोपाल तक बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी दिनभर जमकर बयानबाजी करते नजर आए। बीजेपी नेता जहां गिरफ्तारी के तरीके पर सवाल खड़े करते दिखे, तो कांग्रेस छत्तीसगढ़ पुलिस की पीठ थपथपाती नजर आई।
कथित संत कालीचरण ने 26 दिसबंर को रायपुर की धर्म संसद में गोडसे का महिमामंडन करते-करते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए अपशब्द कहे, जिसके विरूद्ध कांग्रेस ने रायपुर के थानों में केस दर्ज करा दिया। विवाद बढ़ने पर भी बयाज बयान के खेद प्रकट करने के कालीचरण ने अपने बयान को जायज ठहरा कर माहौल और गर्मा दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्रवाई करने के निर्देश पर मध्यप्रदेश के खजुराहों से कालीचरण गिरफ्तार हो चुका है। लेकिन रायपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने सियासी तूल पकड़ लिया है। इस कार्रवाई पर दो पक्ष साफ-साफ नजर आ रहे हैं। बड़ा सवाल ये कि क्या ये सब प्लान्ड है? क्या इस विवाद और कालीचरण पर कार्रवाई को इतना तूल देकर कोई नया मोर्चा खोलने की तैयारी है?