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चंपारण के लाल राकेश पांडेय ने अपने नाम किया ग्लोबल इंडियन ऑफ द ईयर का खिताब

राकेश पांडेय ने दुबई से फोन पर अपनी सफलता को सम्पूर्ण चंपारण वासियों को समर्पित करते हुए कहा है कि यह सम्मान चंपारण वासियों का है क्योंकि चम्पारण में ही उनकी आत्मा बसती है.

मोतिहारी: महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में प्रतिभाओं और मेहनतकश व्यक्तियों की कभी कमी नहीं रही है. अपनी मेहनत और हुनर के दम पर चम्पारण के लोगों ने अपने जिले के साथ-साथ बिहार और हिंदुस्तान का नाम विदेशों में भी रौशन किया है. फिलहाल, जिनकी वजह से चम्पारण एकबार फिर गौर्वान्वित हुआ है वो हैं पूर्वी चंपारण के सरोत्तर गांव निवासी रिटायर्ड इंजीनियर श्रीकांत पांडेय के बेटे राकेश पांडेय.

ब्रावो फर्मा के चेयरमैन हैं राकेश पांडेय

राकेश ने अपनी मेहनत और हुनर के दम पर दुनिया के नौ देशों में सफल व्यावसायिक दृष्टिकोण से हिंदुस्तान का झंडा बुलंद करने में अहम भूमिका निभाई है. बता दें कि राकेश पांडेय ब्रावो फार्मा के चेयरमैन हैं. ब्रावो फार्मा दुनिया के नौ देशों में कैंसर, एचआईवी पर रिसर्च और दवा तैयार करती है.

राकेश पांडेय ने कई बड़े अवार्ड अपने नाम किया है. पिछले महीने ही उनको “अटल सम्मान 2020 ” से पटना में सम्मानित किया गया था और अब राकेश पांडेय और उनकी कंपनी ब्रावो फार्मा को एशिया वन मैगजीन ने एशिया और जीसीसी के ग्रेटेस्ट ब्रांड एंड लीडर्स 2020 में शामिल किया है.

कई अन्य हस्तियों के नाम भी है शामिल

ब्रावो फार्मा के चेयरमैन राकेश पांडेय का नाम ग्लोबल इंडियन ऑफ द ईयर में शामिल है, जिसमें मुकेश अंबानी, समीर मोदी, हरीश कोहली, मनीष साह, चंद्रशेखर वी, हिमांशु जैन, विक्रम राणा, पद्दम सिंह, रंजन महतानी, डॉ के. पांडेय, हितेश देसाई, बालकृष्ण, स्टोन सप्पफिरे, डॉ. जी एस मथारू, इंदु जैन, अदर पूनावाला, उदय कोटक जैसे बड़े व्यवसायी और महान हस्तियां शामिल हैं.

राकेश पांडेय को यह सम्मान ऊर्जावान व्यवसाय, तेजी से व्यावसायिक वृद्धि, बेहतर व्यवसाय करने की पहल, परोपकारी प्रयास, सामाजिक कार्य के लिए दिया गया है. आपको बता दें कि ये सम्मान एशिया वन मैगजीन द्वारा ग्रेटेस्ट ब्रांड और लीडर्स को दिया जाता है, इसका चयन यूनाइडेट रिसर्च सर्विस इंटरनेशनल द्वारा किया जाता है.

जिलावासियों को दिया सफलता का श्रेय

राकेश पांडेय ने दुबई से फोन पर अपनी सफलता को सम्पूर्ण चंपारण वासियों को समर्पित करते हुए कहा है कि यह सम्मान चंपारण वासियों का है क्योंकि चम्पारण में ही उनकी आत्मा बसती है. ज्ञात हो कि पांडेय मूल रूप से बिहारी है, वे फिलहाल लंदन में ही अपने परिवार के साथ रहते हैं.

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