रायगढ़,, औद्योगिक जिला रायगढ़ में कहने को तो कई छोटे बड़े उद्योग और कोयले की खदानें है।
इन उद्योगों को नियमित रूप से संचालित करने के लिए कुछ एक ट्रांसपोर्टरों के द्वारा खदानों से कोयले का लगातार परिवहन किया जाता है। जिसमें ट्रांसपोर्टरों को मोटी कमाई होती है,बावजूद इसके ट्रांसपोर्टर स्थानीय ट्रक और ट्रेलर मालिकों से दोहरा व्यवहार करते है। ट्रेलर मालिकों का आरोप है कि ट्रांसपोर्टर स्थानीय ट्रेलर मालिकों को न तो उचित दर पर भाड़ा देते हैं न ही प्राथमिकता देते है। उनके द्वारा बाहरी ट्रेलर मालिकों को अधिक तवज्जो दी जाती है। जिसके कारण स्थानीय ट्रेलर मालिकों को भारी आर्थिक और मानसिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
अपनी समस्याओं को लेकर आज पुनःअपनी मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन चालू कर दिया साथ ही अपनी अपनी ट्रेलरों को कोल परिवहन करने से रोक दिया।
इस विषय में बताते हुए सतीश चौबे संरक्षक रायगढ़ ट्रेलर मालिक कल्याण संघ ने बताया कि विगत 21 तारीख के एक दिवसीय हड़ताल के बाद प्रशासन की उपस्थिति में ट्रांसपोर्टरों ने वायदा खिलाफी कर दी। आज जिले में बाहरी ट्रक मालिकों को 80 प्रतिशत काम दिया जा रहा है साथ ही हमरा भाड़ा भी नहीं बढ़ाया गया है। यही नहीं भाड़ा देने का कोई नीयत समय तय नहीं किया गया है। ट्रांसपोर्टरों के कारण जिले भर के ट्रेलर मालिक की आर्थिक मानसिक स्थिति बुरी तरह से खराब हो चुकी है। अब हमने यह तय कर लिया है कि हमारी तीन सूत्रीय मांगों को जब तक ट्रांसपोर्टर पूरा नहीं कर लेते हमारी हड़ताल जारी रहेगी और हमारी ट्रकों के पहिए थमे रहेंगे।।