नक्सल मुठभेड़ में घायल बच्ची से मिले पीसीसी अध्यक्ष, बैज बोले – मारे गए 5 बेकसूर आदिवासी
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में हुई पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में घायल बच्ची से मिलने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज रायपुर के DKS अस्पताल पहुंचे। यहां बच्ची के परिजनों से मिलकर उनका हालचाल जाना और डॉक्टरों से इलाज से जुड़ी जानकारी ली।
बैज ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के समय बच्ची को गोली लगी थी लेकिन प्रशासन ने इस घटना को दबाने की कोशिश की। सरकार ने गृहमंत्री को झूठी जानकारी दी है। उन्होनें कहा कि मारे गए 7 लोगों में केवल 2 ही नक्सली थे।
पुलिस के अबूझमाड़ में 12 दिसंबर को हुई मुठभेड़ में 7 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इसी मुठभेड़ में 4 नाबालिग भी घायल थे। घटना के दौरान एक नाबालिग बच्ची गोली लगने से बुरी तरह घायल हो गई है।
पुलिस का दावा है कि नक्सलियों ने इन्हें बड़े लीडर्स को बचाने के लिए ढाल की तरह इस्तेमाल किया। अब जब पुलिस को गोली लगने की जानकारी मिली तो इनके इलाज के लिए व्यवस्था की गई। एक्सरे रिपोर्ट में बच्ची के गले में गोली फंसी हुई दिखाई दे रही है।
बच्ची की एक्स-रे रिपोर्ट में गोली गले में फंसी हुई दिखाई दे रही है।
गृहमंत्री को सरकार झूठी जानकारी देती रही – बैज
मामले को लेकर दीपक बैज ने कहा कि सरकार का कहना है कि मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए हैं। लेकिन वहां के ग्रामीण स्पष्ट कह रहे हैं कि उनमें 2 नक्सली है और 5 वहां के निर्दोष आदिवासी बच्चे थे। जिस जगह बच्चों को मारा गया वहां मुठभेड़ हुई ही नहीं थी, जबकि मुठभेड़ दूसरे गांव में हुई। नक्सलियों ने भी प्रेस नोट जारी कर स्वीकार किया कि केवल 2 नक्सली ही मारे गए।
हम शुरू से बस्तर में शांति चाहते थे लेकिन किसी निर्दोष आदिवासियों को मारकर नहीं। गृहमंत्री अमित शाह का बस्तर दौरा था और उसी समय आदिवासी बच्चों को गोली लगी।
गुपचुप तरीके से प्रशासन ने उसे दबाने की कोशिश की और गृहमंत्री को झूठी जानकारी दी गई। ताकि ये दिखाया जा सके की बस्तर नक्सलवाद के खात्मे की ओर है लेकिन वहां लगातार हत्याएं हो रही है।
1 हफ्ते में 5 लोगों की हत्याएं हो गई। इसका जिम्मेदार कौन है? और सरकार ने इन घटनाओं को छिपाने का प्रयास क्यों किया। अब ये सच्चाई सामने आ गई है कि 4 आदिवासियों को गोली लगी है। जिसकी जिम्मेदार राज्य सरकार है।