*मामला देशी शराब के अवैध कारोबार को बंद कराना महिला सरपंच को भारी पड़ा
*कारोबार में संलिप्त परिवार ने महिला सरपंच के बेटे से की मारपीट,पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से की आनाकानी
*जहां अबैध शराब की बिक्री को महिलाएं बंद कर रही है पुलिस को आगे आकर मदत करनी चाहिए तों कोतरा रोड थाना प्रभारी त्रिनाथ त्रिपाठी के क्या खाने
*थाना प्रभारी त्रिनाथ त्रिपाठी पर महिला सरपंच एवं महिला संगठन के अध्यक्ष ने लगाए गभीर आरोप अबैध महुआ शराब बेचने वाले गोपाल चौहान का सहयोग करने और पक्षपात करने का आरोप
*नाराज महिलाओं ने 100 से ज्यादा की संख्या में कोतरा रोड थाने का किया घेराव पुलिस अधिकारी और एसडीएम के हत्शेप के बाद मामला हुआ शांत
*ग्रामीण और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व विधायक प्रकाश नायक एवं पूर्व मंत्री उमेश पटेल पहुंचे मौके पर राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
क्या है पूरा मामला :
रायगढ़,,शहर मुख्यालय से लगे ग्राम कोसमपाली में बड़े पैमाने पर चल रहे देशी शराब के अवैध कारोबार को बंद कराने में जुटी महिला सरपंच और उनकी टीम को भले ही पुलिस प्रशासन से उचित सहयोग न मिला हो,परन्तु इस कारोबार में संलिप्त गोपाल चौहान के परिवार ने इसे व्यक्तिगत क्षति मानते हुए,महिला सरपंच अनुसुइया उरांव के बेटे से धमकी एवं गालीगलौज के साथ मारपीट की
घटना की सूचना मिलने पर अपने सहयोगी महिलाओं और परिजनों के साथ घटना स्थल पर पहुंची महिला सरपंच ने किसी तरह अपने बेटे को घटना स्थल से बचाकर निकाल लिया और सीधे कोतरा रोड पुलिस थाने पहुंच गई। वहीं सरपंच के बताए अनुसार शराब कारोबार में संलिप्त दूसरा पक्ष रजनी चौहान पति गोपाल चौहान और उसका बड़ा बेटा पीयूष चौहान मिलकर कील लगे डंडे से बुरी तरह से मार रहे थे। उनके द्वारा ऐसा सिर्फ इसलिए किया का जा रहा था,क्योंकि गांव की सभी महिलाओं ने मिलकर उनके अवैध शराब के कारोबार को बंद करवा दिया था। जिसका वो रंजिश रखने लगी थी।
इधर थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों पक्षों से आवेदन मिला है दोनो ने एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाया है,पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्दी ही उचित निर्णय लेकर कार्यवाही की जाएगी। अब थाना प्रभारी के आवेदन पर विवेचना करना चाहिए था क्योंकि उनकी टीम उसी गांव में छापा मार कर अबैध महुआ शराब पकड़ा था ऐसे में सरपंच महिला के बेटे और महिला संगठन के अध्यक्ष से मारपीट करना अनुचित है सरपंच महिला एवं उसके टीम ने पुलिस की एक तरह से मदद की है ऐसे में पुलिस को उन महिलाओं को संरक्षण देना चाहिए नहीं तों ग्रामीण महिलाओ का मनोबल पर असर पड़ेगा औऱ गांव के गांव महुआ शराब के चपेट में आते रहेंगे