होली के रंग के साथ चढ़ेगा बाहरी राज्यों की शराब का खुमार….पढ़िये पूरी खबर

रायपुर। राजधानी में होली का त्यौहार काफी नज़दीक आने लगा है। जिसके चलते पुलिस ने शहर भर में कई जवानों को तैनात किया है। अवैध शराब का धंधा खूब फलफूल रहा है। दूसरे राज्यों से देशी-विदेशी शराब, बीयर की खेप बड़ी मात्रा में खेप रायपुर पहुंच रही है। त्योहारी सीजन में हरियाणा और पंजाब ब्रांड की शराब खपाने की जद कुछ इस तरह है कि गिरोह ने अब डाक और कुरियर का सहारा लेकर पेटियां खपाने के लिए तगड़े इंतजाम किए हैं। तस्कर, माफिया बेफिक्र होकर कारोबार कर रहे हैं। अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कार्रवाई करने के बजाय आबकारी विभाग मामलों पर पर्दा डालने में लगा है। शराब माफिया खुलेआम अपने अवैध शराब की खेप को रायपुर पंहुचा रहे है जिस पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है। चुकी अवैध शराब से जुड़ा मामला आबकारी विभाग का जिसमें पुलिस हस्तक्षेप नहीं कर सकती जिसकी वजह से शराब की खेप रायपुर शहर तक पहुंचने लगी है।

शराब माफिया से तगड़ा घाटा : त्योहारी सीजन में शराब माफिया आबकारी विभाग के लिए मुसीबत खड़ी करने में लगा है। खासकर महंगे ब्रांड को सस्ती दरों में बेचकर वाइन शॉप में खरीदारी प्रभावित करने में लगा हुआ है। सिर्फ हरियाणा नहीं, पंजाब, झारखंड से भी तस्कर शराब के पार्सल बनवाकर उसकी खपत करने में लगे हुए हैं। डाक कंपनियां बिना किसी जांच पड़ताल के कमाई करने में लगी हैं। तस्कर सीधे इसका फायदा उठा रहे हैं। अब बिलासपुर रोड तस्करी का सेफ जोन : पहले ओडिशा के रास्ते सस्ती शराब तस्करी होने के बाद अब बिलासपुर रोड से सिमगा मार्ग तस्करों के लिए हॉट प्वाइंट बन गया है। नागपुर से दुर्ग भिलाई और फिर यहां से बिलासपुर मार्ग पर स्टाक खपाने का चैनल तैयार है। पहले माल रायपुर आने के बाद कबीर नगर, ट्रांसपोर्ट नगर या फिर हीरापुर में छिपा दिया जाता है। इसके बाद यहां से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में स्टॉक की सप्लाई और दूसरी जगहों में होती है।

कुरियर के लिए बनाए गए काटून पार्सल कुछ इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि इसकी पहचान तक मुश्किल है। अभी तक तस्करों ने ट्रांसपोर्ट के नाम पर बिल्टी कटवाते हुए पार्सल भेजे हैं। बड़े कार्टून या फिर मोबाइल फोन या फिर दवाइयों के रैपर चस्पा कर पैक किए जाते हैं। इसके भीतर महंगे ब्रांड की बोतलें रहती हैं। बाहर से छूने पर पैकिंग कुछ इस तरह से होती है कि छूकर भी सामान के बारे में जांच मुश्किल है। पार्सल तौल के हिसाब से भेज दिया जाता है। सस्ते डाक की बदौलत कुरियर बनाकर बड़ी खेप बारी-बारी से राजधानी में ला रहे हैं। हाल के दिनों में आबकारी विभाग की कार्रवाई और फिर स्टॉक के पार्सल की जांच में ऐसा ही खुलासा हुआ है।

 

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