रायगढ़

Raigarh News : क्या भाजपा ने अपनी पुरानी विचारधारा को पटरी से उतार दिया , क्या अब नई विचारधारा ने जगह ले लिया : ?

Raigarh News : रायगढ़ : पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तक प्रदेश में करीब लगभग 10000 से ज्यादा कांग्रेसी एवं अन्य पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम लिया हालांकि भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छी खबर है लेकिन सवाल भी उठना है कि काग्रेसी व अन्य पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाजपा में जो शामिल हो रहे हैं क्या भरोसा की वह अवसरवादी अगर राज्य और केन्द्र में भाजपा की सरकार कभी बदलती है तो क्या बीजेपी को छोड़कर वापस दूसरे पार्टी में भी तो जा सकते हैं

 

क्या भाजपा अपने सिद्धांतों से समझौताकर रही है : जिस तरह से कांग्रेसी व अन्य पार्टियों के कार्यकर्ताओं को भाजपा अपनी पाटी में जिस तरह से ढंल्ले से प्रवेश करवा रही है अपने पाटी के बिचारधारा के दायित्व और कर्तव्यों को भुलाती चली जा रही है क्योंकि आने वाले समय में वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ता जो भाजपा में शामिल हुए भाजपा शासन काल में भी वे अपनी अलग ही बिचारधारा जनता पर धोबेगे

 

 

क्या पहले की अपेक्षा पाटी अनुशासन में कमी : पहले किसी राजनीति पार्टी को भाजपा में प्रवेश करना टेढ़ी खीर के माना जाता था और दूसरे पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होने को कोई छोटी मोटी जंग जीत लेने के बार-बार मानते थे क्योंकि भाजपा में शामिल होना काफी मुश्किल माना जाता था क्योंकि बात कर तो अगर दूसरे गैर भाजपा के बूथ के नेता को भाजपा में शामिल होने के लिए भाजपा के मंडल अध्यक्ष का अनुमति होना आवश्यक था उसी प्रकार जिले के कोई बड़ा गैर भाजपा नेता भाजपा में शामिल होना चाहता था तो उसे प्रदेश के आला नेतृत्व से अनुमति के बाद ही भाजपा में शामिल किया जाता था लेनी पड़ती थी वही अगर राज्य को कोई बड़ा नेता भाजपा में शामिल होने से पहले आला नेतृत्व की अनुमति जरूरी रहती थी पूरा बायोडाटा जांच कर ही किसी भी कार्यकर्ता को भाजपा अपने पार्टी में प्रवेश करती थी लेकिन अभी फिलहाल में ऐसा कोई देखने को नहीं मिल रहा है ऐसा तो नहीं कि भाजपा अपने पुराने विचारधारा से नाता तोड़ चुकी है अपने पार्टी में अन्य कार्यकर्ताओं को अपने पार्टी में प्रवेश करने को लेकर विचारधारा और अनुशासन को भूल चुकी है और नई विचारधारा की तरफ चल पड़ी है

 

क्या कहा एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने :

वही इस विषय में भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि यह जरूर है कि प्रवेश से पहले मंडल अध्यक्ष से अनुमति लेना अनिवार्य था और अभी भी करीब करीब 50% लोगों के लिए अनुमति ली जाती है जो कि ना काफी है यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि हाल फिलहाल में भाजपा कहीं ना कहीं अपने विचारधारा से समझौता करती नजर आ रही है और बिना सोचे समझे बीना जाने अनजाने दूसरे पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रवेश दिला रही है वह अभी कहीं ना कहीं चिंता का विषय है भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं, कार्यकर्ताओं को भाजपा की कार्यशैली से सामंजस्य बिठाने में और भाजपा के वरिष्ठ लोगो से तालमेल बनाने में दिक्कत आएगी और वहीं से टकराव की स्तिथि भी निर्मित हो सकती है जो आगे चलकर पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

Raigarh News : वहीं वरिष्ठ नेता अपने आप को उपेक्षित भी महसूस कर सकते हैं और विश्वस्त सूत्रों की माने तो अंदरूनी असंतोष भी पनप रहा है की मौका परस्त लोगो को पार्टी में और समय समय पर पार्टी को धोका देने वालो को महत्त्व दिया जा रहा है,जो की सरासर गलत परिपाटी है। भाजपा पार्टी का कार्यकर्ता स्वाभिमानी और सम्मान की आकंछा करता है,जिसका वर्तमान में दूर दूर तक अभाव नज़र आ रहा है।

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