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विशेष न्यायालय ने सुनाई एक दुष्कर्मी को दस साल की सजा

चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के एक महिला से किया था धिनौनी हरकत
मां के साथ अत्याचार होता देख भाग कर बेटी लेकर आई थी मदद

रायगढ़. 9 महिने के कोरोना काल के बाद कल विशेष न्यायालय में पहली पहली सुनवाई करते हुए एक अदालत ने अपनी बेटी के साथ फैक्ट्री से काम करके घर जा रही महिला से दुष्कर्म करने वाले आरोपी का दोष सिद्ध होने पर आरोपी को 5 हजार रूपये के अर्थ दंड देते हुए 10 साल कारावास की सजा सुनाई है .

घटना चक्रधन नगर थाना क्षेत्र के भगोरा जंगल में एक साल पूर्व 11 जुलाई 2019 को घटित हुई थी. इस मामले में शासन कि ओर से लोक अभीयोजन अनिल श्रीवास्तव पैरवी की . अभीयोजन के अनुसार 11 जुलाई 2019 को एक महिला एमएसपी कम्पनी में काम करके वापस अपनी नाबालिग बेटी के साथ घर जा रही थी इसी दौरान ग्राम मनुवापाली निवासी आरोपी आशीष सा उर्फ झंगलू कोलता पिता शौकी लाल कोलता 25 वर्ष सराईपाली भगोरा के जंगल में अपने एक अन्य साथी गोविंद यादव के साथ आकर पीड़िता का गला पकड़ कर खींचते हुए झाड़ियों में ले गया आशीष ने महिला को जान से मारने की धमकी देते हुए दुष्कर्म किया इस दौरान पीड़िता की बेटी अपनी मां के साथ हो रहे अत्याचार को देख कर वहां से डरकर किसी तरह भग गई.

जबकि आरोपी का साथी मौका ए वारदात के पास ही खडा देखता रहा और आरोपी और उसका साथी अपनी बाइक में सवार होकर फरार हो गये थे. जिसमें महिला की रिर्पोट पर पुलिस ने मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 376 एवं अनुसूचित जाति जानजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा (3) (2) के तहत जूर्म पंजीबद्ध करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर विषेश न्यायधीश गिरिजा देवी मेरावी की विशेष अदालत में पेश किया गया था जहां कल आरोपी आशीष सा उर्फ झंगलू कोलता को 10 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए 5 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई गई. अभियोजन ने यह भी बताया कि घटना दिनांक को जब पीड़िता कि बेटी किसी तरह अपने मामा को वहां लेकर आई और तब जाकर मामले में पिडिता ने आरोपी के खिलाफ जूर्म पंजीबद्ध कर आरोपी को घर दबोचा और न्यायालय में पेश किया जहां कोरोना काल के 9 महिने बाद न्यायालय ने पहली सुनवाई करते हुए आरोपी को सजा सुनाई.

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