पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश शोकाकुल, मोदी सरकार ने आपात बैठक बुलाई

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन: मोदी सरकार ने बुलाई आपात बैठक, देशभर में शोक की लहर
नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से देश में शोक की लहर दौड़ गई है। केंद्र सरकार ने 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सरकारी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
मोदी सरकार ने बुलाई आपात कैबिनेट बैठक
मनमोहन सिंह के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह 11 बजे कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। सरकार ने सभी सरकारी और राजकीय कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। इस शोक की घड़ी में देश के कई हिस्सों में विशेष आयोजन स्थगित कर दिए गए हैं।
कांग्रेस ने भी रद्द किए सभी कार्यक्रम
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। कर्नाटक में चल रहा कांग्रेस का स्थापना दिवस समारोह भी स्थगित कर दिया गया। जैसे ही उनके निधन की खबर मिली, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दिल्ली पहुंचे। कांग्रेस कार्यालय और अन्य स्थानों पर झंडा आधा झुका दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा:
“भारत ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया है। एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले मनमोहन सिंह एक अद्वितीय अर्थशास्त्री और राजनेता थे। उन्होंने वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में भारत की सेवा की और देश की आर्थिक नीतियों पर गहरी छाप छोड़ी। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
राहुल गांधी ने कहा: ‘मैंने एक गुरु खो दिया’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“मनमोहन सिंह जी ने अपनी बुद्धिमत्ता और ईमानदारी से देश का नेतृत्व किया। उनकी अर्थशास्त्र की गहरी समझ और विनम्रता ने पूरे भारत को प्रेरित किया। मैंने एक मार्गदर्शक और गुरु खो दिया है।”
मनमोहन सिंह का राजनीतिक सफर और योगदान
- जन्म और शिक्षा: मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया।
- आर्थिक सुधारों के जनक: 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की, जिसने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थापित किया।
- प्रधानमंत्री कार्यकाल: 2004 से 2014 तक वे प्रधानमंत्री रहे और भारत की आर्थिक प्रगति के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
- सम्मान और मान्यता: उन्होंने अपने जीवन में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किए।
शोक के बीच श्रद्धांजलि की तैयारियां
मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को उनके दिल्ली स्थित आवास पर लाया गया है। शुक्रवार को उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी और फिर उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस कार्यालय ले जाया जाएगा। उनके अंतिम संस्कार में राजकीय सम्मान दिया जाएगा।
देशभर में शोक की लहर
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन ने न केवल राजनीति बल्कि पूरे समाज में गहरी संवेदना पैदा की है। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा, और वे देश के सबसे प्रेरक नेताओं में से एक माने जाएंगे।