निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा – कलेक्टर संजय अग्रवाल

पीडब्ल्यूडी की समीक्षा बैठक में दिए आवश्यक निर्देश, पौधरोपण और जल संरक्षण को बताया अनिवार्य

रायगढ़। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने आज लोक निर्माण विभाग (PWD) संभाग क्रमांक एक की विभागीय समीक्षा बैठक में निर्माण कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सड़क और भवन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर स्तर पर एसडीओ और सब इंजीनियर निर्माण कार्य की निगरानी करें, और इसे केवल ठेकेदारों के भरोसे न छोड़ा जाए।

कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा, “हम अपने निजी भवनों में जैसी गुणवत्ता और सौंदर्य की अपेक्षा रखते हैं, वही सरकारी निर्माण में भी सुनिश्चित होनी चाहिए।” उन्होंने विभाग को चालू वर्षा ऋतु में 10 हजार बड़े पौधे लगाने का लक्ष्य दिया है, जो सड़क किनारे और भवन परिसरों में सुरक्षित स्थानों पर रोपे जाएंगे।

बैठक में उन्होंने निर्माण कार्यों में जल संरक्षण और पौधरोपण को अनिवार्य हिस्सा बताते हुए कहा कि इसके लिए अलग से बजट की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। समीक्षा के दौरान उन्होंने एसडीओ और सब इंजीनियरों से व्यक्तिगत रूप से परिचय प्राप्त किया और उनके कार्यों का आकलन किया।

कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि मेन्टेनेंस पीरियड के अंतर्गत आने वाली सड़कों की देखरेख नियमित रूप से की जाए और लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों को नोटिस जारी किए जाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि 16 जून से पूर्व स्कूल निर्माण संबंधित कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण कर लिया जाए।

उन्होंने पीडब्ल्यूडी द्वारा अधिग्रहित भूमि के नामांतरण को भी राजस्व रिकॉर्ड में प्राथमिकता से दर्ज करने के निर्देश तहसीलदारों को दिए, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद टाला जा सके। ठेकेदारों के भुगतान में अनावश्यक देरी न हो, यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।

प्रयास आवासीय विद्यालय की गुणवत्ता को लेकर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया और विद्यालय में खेल मैदान विकसित करने के निर्देश दिए।

बैठक में पीडब्ल्यूडी संभाग क्रमांक एक के कार्यपालन अभियंता सी.एस. विंध्यराज सहित सभी एसडीओ और सब इंजीनियर उपस्थित थे। विभाग द्वारा बताया गया कि संभाग में कुल 716 करोड़ रुपये लागत के 171 कार्य स्वीकृत हैं, जिनमें से अधिकांश निविदा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं।

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