जातीय विद्वेष का वीडियो वायरल – पत्थलगांव में सतनामी व आदिवासी समाज के प्रति अपमानजनक टिप्पणी पर आक्रोश, कड़ी कार्रवाई की मांग

पत्थलगांव। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पत्थलगांव निवासी उमेश तिवारी उर्फ पिटू तिवारी (निवासी पुरानी बस्ती, पत्थलगांव) द्वारा सतनामी और आदिवासी समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं। वीडियो में वह जातिगत रूप से भेदभावपूर्ण बातें करता नजर आ रहा है, जिसने समाज के भीतर गहरा रोष उत्पन्न कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, यह मामला उस समय का बताया जा रहा है जब उमेश तिवारी किसी निजी कारण से पत्थलगांव के अस्पताल में सुई लगवाने गया था। वहां उसने एक कर्मचारी से उसकी जाति पूछी – “भीमते हो क्या? सतनामी तो नहीं हो?”। इस पर जब कर्मचारी ने आपत्ति जताई और उसका वीडियो रिकॉर्ड करने लगा, तो आरोपी युवक ने और भी भड़काऊ टिप्पणियां करते हुए कहा – “ले न वीडियो बना रहा है, अच्छा से बना।” इसके बाद उसने सतनामी, आदिवासी और ओबीसी समाज को लेकर आरक्षण पर विवादित बातें कीं।

वीडियो के सामने आने के बाद समाज के लोगों में भारी आक्रोश है। सतनामी, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह घटना न केवल अपमानजनक है बल्कि संविधान की उस भावना का भी अपमान है जो सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देती है।

समाज में बढ़ता आक्रोश : समाजजनों ने कहा कि ऐसी मानसिकता वाले लोग आज भी समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। जाति पूछकर अपमान करना और आरक्षण पर तंज कसना सामाजिक सौहार्द को तोड़ने की कोशिश है।

स्थानीय सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की नफरत फैलाने वाली हरकत करने से पहले सौ बार सोचें।

कानूनी पहलू और कार्रवाई की मांग : इस मामले में समाज के बुद्धिजीवियों और संगठनों ने एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

सार्वजनिक स्थल या सरकारी परिसर में जातिगत टिप्पणी करना  गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
ऐसे अपराधों में दोषी पाए जाने पर सख्त सजा और जमानत न मिलने का प्रावधान है।

मांगें:

आरोपी उमेश तिवारी के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जाए।
प्रशासन ऐसे तत्वों पर निगरानी रखे जो सोशल मीडिया के माध्यम से जातीय नफरत फैलाने का प्रयास करते हैं।
अस्पताल प्रबंधन से भी इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी जाए।

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