
अनोखी परंपरा बरही में संपन्न हुआ देवताओं का विवाह हर पीढ़ी में एक बार शादी होता है संपन्न शादी को लेकर है मान्यताएं इससे गांव में आता है सुख समृद्धि
गरियाबंद भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज
देवभोग। आज तक आपने इंसानों की शादी को लेकर किये जा रहे रस्म रीति-रिवाज़ों के विषय में सुना होगा या उस शादी में शरीक होकर उस शादी को पास से देखा भी होगा। आज हम आपको देवियों की शादी के विषय में बताने जा रहे हैं। जी हां यह शादी देवभोग ब्लॉक के बरही गॉव में सम्पन्न भी हो चुका हैं। सैकड़ो ग्रामीणों की मौजूदगी में दो देवियों का विवाह भी सम्पन्न हुआ और उसके साक्षी भी ग्रामीण बने। देवियों की प्रमुख कहे जाने वाली(गुरुमाता) की मौजूदगी में यह विवाह सम्पन्न होता हैं। वहीं विवाह के पूरे नीति-नियम का पालन करते हुए गुरुमाता के द्वारा यह विवाह संपन्न करवाया जाता हैं। इस विवाह में मुख्य आकर्षण का बिंदु यह होता हैं कि गॉव की बच्चियों के ऊपर भी देवी सवार हो जाती हैं और वह झूमने लगती हैं। इसी तरह नो दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में हर रोज अलग-अलग नियम कायदे का पालन करते हुए इस विवाह को विधि-विधान के साथ सम्पन्न करवाया जाता हैं। बरही की देवी लंकेश्वरी माता के दरबार में हुई इस शादी को देखने के लिए ओडिसा से भी लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था।
कुँवारा लड़का और लड़की का होता हैं विवाह-: गुरुमाता कुमो यादव के विशेष सहयोगी रहे धनसिंह मरकाम ने बताया कि इस विवाह में जब कुँवारे लड़के के ऊपर मंडल भीमा सवार होते हैं और कुँवारे लड़की के ऊपर डूमररानी देवी सवार होती हैं और जब दोनों की पहचान हो जाती हैं। इसके बाद पूरे विधि-विधान के साथ शादी के रस्मों को करने के पश्चात दोनों देवियों की शादी करा दी जाती हैं। धनसिंह मरकाम ने बताया कि यह शादी एक पीढ़ी में एक बार सम्पन्न होता हैं। इस शादी को करने से गॉव में सुख-समृद्धि आती हैं। वहीं मंडल भीमा का आशीष भी ग्रामीणों पर बना रहता हैं। श्री मरकाम ने बताया कि इस कार्यक्रम में गॉव के प्रमुख बलियार सिंह नेगी,जोगी सिंग नेगी के साथ ही पुजारी कार्तिक,त्रिलोक,तिरीत मांझी,लक्ष्मण पुजारी,डबल मांझी,लक्ष्मीनारायण दास,गंगाधर मांझी,गोसिंग मांझी,मगन सिंग नेगी,बेगा मतिराम यादव के साथ ही सिरहा जयसन मांझी,दसरू यादव,मदुरो मांझी,पुस्तम मांझी,केसरी बेहेरा,मकर मांझी,गोरख सिंग नेगी,खामसिंग मांझी, टीकम सिंग नेगी की भी मुख्य भूमिका रही।
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हर रोज तीन हजार ग्रामीण भंडारे में होते थे शामिल-: बरही में सम्पन्न हुए देवी में शामिल होने के लिये देवभोग ब्लॉक के अलग-अलग गॉव के ग्रामीण तो पहुँचते ही थे, इसके अलावा ओडिसा से भी दूर-दराज से ग्रामीण पहुँचते थे। ऐसे में हर रोज यहां भंडारे की व्यवस्था होती थी। गॉव के पूर्व सरपंच दयाराम बीसी के मुताबिक भंडारे में हर रोज दो हजार ग्रामीण भोजन करते थे। देवी विवाह के कार्यक्रम के दौरान वृहद स्तर पर भंडारे का आयोजन किया गया था। वहीं 9 दिनों तक चले इस विवाह के कार्यक्रम में नवीन सुकलीभांठा पंचायत के रहने वाले बरही,टोंगसिपारा,दाबरीभाठा और आमपारा के ग्रामीणों के घर चूल्हा भी नहीं जला,सभी ग्रामीण देवी पूजा के भक्ति में लीन होकर भंडारे का प्रसाद ग्रहण करते नजर आए।