
कांग्रेस के लिए एक तरफ कुआं एक तरफ खाई उड़ गई विपक्षी एकता की
छुरा गरियाबंद भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज संपर्क सूत्र=8815207296
भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी को राजनीति के चार अध्याय साम दाम दंड भेद में मास्टर की डिग्री हासिल है और इन पर और कामयाबी भी मिल रही है, कांग्रेस और आम आदमी में बढ़ रही नज़दीकियां अब टूटती हुई दिखाई दे रही है। माननीय सुप्रीम कोर्ट से 8 साल की लड़ाई के बाद अरविंद केजरीवाल के पक्ष में फैसले को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर पलट दिया फिर अरविंद केजरीवाल ने ममता बनर्जी नीतीश कुमार तेजस्वी यादव, शरद पवार उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने के बाद इन सभी नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को समर्थन किया लेकिन अब कांग्रेस अरविंद केजरीवाल को कोई भाव नहीं दे रही है और दे भी नहीं सकती क्योंकि, कांग्रेस के दिल्ली और पंजाब के लोकल नेताओं ने उनसे दूरी बनाने का कहा है और इन्हीं पर काम कर रही है। राज्यसभा में इस अध्यादेश के विरोध में कांग्रेस का क्या रुख रहेगा यह अभी विचारणीय है। लेकिन एक चीज स्पष्ट है कांग्रेस इस मुद्दे पर बिल्कुल दुविधा में है क्या करें। और क्या नहीं करें। कांग्रेस क्षेत्रीय क्षत्रप अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी और ममता बनर्जी और बीआरएस तेलंगाना राज्य में अगर इनका समर्थन करती है तो कांग्रेस को यहां खुद को नुकसान है यह देख रही है।
आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे एवं राहुल गांधी से अध्यादेश से संबंधित मामले पर समय मांगा था पर अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस में कोई भाव नहीं दिया, एवं उनके प्रवक्ता पवन खेड़ा के द्वारा बयान आया पहले अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के नेताओं के बारे में अब तक किए गए अनर्गल टिप्पणी पर पहले क्षमा मांगे फिर उनसे बात किया जाएगा, मनोवैज्ञानिक ढंग से देखें तो इसमें विपक्षी एकता तोड़ने के लिए बीजेपी कामयाब दिख रही है और बीजेपी के कूटनीति और रणनीति के शिकार में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी फस गई है जो अध्यादेश ला करके बिल्कुल कूटनीति फैसला उनका था यह