डॉ महंत 23 अप्रैल को इफ्तार दावत में होंगे शरीक,,, नगर के मुस्लिम भाइयों के साथ रोजा की करेंगे इफ्तारी

सक्ती। मुसलमान धर्म का सबसे पवित्र माह रमजान के अवसर पर स्थानीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत 23 अप्रैल को नगर स्थित मस्जिद परिसर में मुस्लिम भाइयों के साथ इफ्तार करेंगें।
इस संबंध में जानकारी देते हुए मुस्लिम समाज के महबूब भाई ने बताया कि डॉ चरणदास महंत ने नगर के सभी रोजेदार भाइयों के साथ 23 अप्रैल को शाम इफ्तार में शिरकत करेंगे। महबूब भाई ने रमजान के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे देश में विभिन्न त्यौहार मनाये जाते हैं। इन सभी त्योहारों का अपना – अपना महत्व होता हैं। उसी तरह से रमजान यह इस्लाम धर्म का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार हैं। रमज़ान का महीना पूरी दुनिया के लिए पावन और महत्वपूर्ण होता है। इस्लामिक मान्यता के हिसाब से बारह महीनों में एक महीने का नाम रमजान है। रमजान का महीना बड़ा ही पवित्र माना जाता है।
महबूब भाई ने आगे बताया कि रमजान के महीने में हर मुसलमान अपने दिल से रोजे रखते थे। रमज़ान का महीना 30 दिनों का होता है। रमज़ान के महीने को तीन भागो में विभाजित किया गया है। जो प्रथम, द्वितीय और तृतीया भागो को इस्लामिक भाषा में “अशरा” कहा जाता है। पहला अशरा 10 दिन का होता है, दूसरा अशरा 11 -20 में और तीसरे अशरा 21-30 दिन में विभाजित किया गया है। रमजान के महीने में 3 अशरे होते है पहला अशरा रहमत का जिसमे अल्लाह की कृपा होती है , दूसरे अशरे में मगफिरत की होती है, जिसमे अल्लाह हर इंसान के गुनाहों को माफ़ करता है। तीसरे अशरे में जहनुम की पीड़ा से खुद को बचा सकते है। रमज़ान के पहले दस दिन अत्यंत ज़रूरी होते है। इन रहमत के दिनों में हर इंसान गरीब और जरुरतमंदो की सहायता करता है। हर एक इंसान इन दिनों में विनम्रतापूर्वक बातचीत करता है। सभी की इज़्ज़त करता है और सदव्यवहार से सबके मन जीत लेता है। रमज़ान के दूसरे अशरा माफ़ी का होता है। कहते है इस अशरे में अल्लाह दूसरे दिनों के मुकाबले इस वक़्त अपने बन्दों को जल्द माफ़ कर देता है। इस्लामिक रीति -रिवाज़ के अनुसार यहाँ लोगों को अपने किये हुए पापों से मुक्ति मिल जाती है। तीसरा अशरा जहनुम से खुद को मुक्त करना होता है। यहाँ लोग अल्लाह से इबादत करते है की उन्हें जहनुम से बक्श दे। इस अशरे में 10 दिनों तक लोग एक ही जगह बैठकर अल्लाह को पुकारते है, औरतें घर पर रहकर नमाज़ पढ़ती है। रमजान की फज़ीलत तो है ही साथ ही यह त्योहार सहनशक्ति को मजबूत करने का भी त्योहार है। इसी पवित्र महीने में मुसलमानों की इबादत की किताब कुरान शरीफ नाजिल हुई है इसलिए ये महीना और भी खास होता है। महबूब भाई ने आगे बताया कि नगर में जिस तरह से शुरू से ही अमन शांति और सभी धर्मों का भाईचारा है उसके लिए नगर के सभी समुदाय के लोगों का बराबर का सहयोग है। यही कारण है कि सक्ती नगर में सभी धर्म के त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ और एकता के साथ मनाई जाती है। इसी एकता के प्रतीक को सदैव बनाएं रखने स्थानीय नेता चाहे वो किसी भी दल के हों हमेशा तत्पर रहते हैं और एक दूसरे के सुख दुःख में सदैव खड़े रहते है। महबूब भाई ने आगे कहा कि रमजान के पावन अवसर पर स्थानीय विधायक ने भी सभी मुस्लिम भाइयों के साथ इफ्तार की इच्छा जताई और 23 अप्रैल को नगर के मस्जिद के सामने इफ्तार के दावत में शरीक होने पहुंच रहें है।

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