नशे का बढ़ता जाल, घातक नशे का व्यवसाय प्रदेश के लिए खतरे की घंटी

ड्रग का एक ग्राम किसी व्यक्ति की इहलीला समाप्त करने के लिए पर्याप्त होता है।ड्रग्स का बढ़ता चलन पुलिस के लिए चुनौती बन रहा है।

राज्य में नशे के अवैध व्यवसाय में वृद्धि चिंतनीय है। बड़ी समस्या यह है कि हमारे शहरों में महानगरीय अपसंस्कृति हावी हो रही है और युवाओं में चरस, स्मैक, हेरोइन, एमडीएमए या एक्सटेसी जैसे नशे का प्रचलन बढ़ रहा है। राजधानी पुलिस ने रविवार को दो युवतियों व तीन पुरूषों को एमडीएमए ड्रग के साथ पकड़ा है। यह लोग लग्जरी कार में माल, पाश कालोनियों के आसपास ग्राहक तलाश करते थे। मिथाइलीनडाइआक्सी मेथाम्पेटाइमान (एमडीएमए) जिसे आमतौर पर एक्सटेसी कहते हैं अत्यंत घातक नशा है। इसके एक ग्राम की कीमत ढाई से तीन हजार रुपये तक बताई जा रही है।

जांच में स्पष्ट हो चुका है कि हरियाणा भाजपा की नेता सोनाली फोगाट की मृत्यु का कारण एक्सटेसी ही रहा। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु का कारण भी इसे ही माना जाता है। इसका एक ग्राम किसी व्यक्ति की इहलीला समाप्त करने के लिए पर्याप्त होता है। ऐसे घातक नशे का व्यवसाय यहां चल रहा है तो यह निश्चित रुप से प्रदेश के लिए खतरे की घंटी है। संभ्रम उत्पन्न करने वाली व उत्तेजना बढ़ाने वाली स्पास्मो प्राक्सीवोन जैसी कई औषधियां वैध रूप से दवा दुकानों में उपलब्ध हैं और इनका दुरूपयोग किया जा रहा है। नशे के इस बढ़ते जाल को काटने की आवश्यकता है। पुलिस यदा कदा कुछ प्रकरणोंका समाधान अवश्य कर लेती है किंतु जाल बहुत बड़ा है। राज्य में गांजा तो नगरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पूर्व से ही सहजता से उपलब्ध है। सीमावर्ती ओडिशा के वन क्षेत्रों से होकर देश के अन्य राज्यों में भेजे जाने वाला गांजा छत्तीसगढ़ से होकर ही जाता है।

अब ड्रग्स का बढ़ता चलन पुलिस के लिए नई चुनौती बन रहा है। रविवार को एमडीएमए के साथ गिरफ्तार आरोपितोंं ने बताया है कि नववर्ष के अवसर पर आयोजित होने वाली पार्टियों के लिए गोवा से ड्रग की खेप मंगाई थी। पूर्व में भी ड्रग की खेप पकड़ी जा चुकी है किंतु नववर्ष के स्वागत की तैयारी यदि ड्रग्स के नशे में किए जाने की योजना बनाई जा रही है तो इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण भला क्या होगा। राज्य के अलग अलग शहरों से ड्रग्स के प्रकरण सामने आ रहे हैं। युवा इसके आदी हो रहे हैं जबकि यहां नशामुक्ति केंद्रों की उपलब्धता भी आवश्यकता के अनुरूप नहीं है। नववर्ष में अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है। पुलिस को सुनिश्चित करना होगा कि किसी पार्टी में शराब के साथ एमडीएमए जैसे नशे का जहर तो नहीं घोला जा रहा है। घातक नशे पर अंकुश लगाने के लिए समुचित व ठोस कदम उठाना होगा। इस जहर को रोकने के लिए विशेष दलों का गठन किया जाना चाहिए। नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए जनजागरण नितांत आवश्यक है। राज्य के नागरिकों को भी अपने कर्तव्य का पालन करना होगा। नशाखोरी के विरूद्ध सामाजिक चेतना के संचार की आवश्यकता है।

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